Delhi LG and CM Meeting: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार और उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) के बीच अलग-अलग मामलों को लेकर तकरार जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना के साथ लगभग एक घंटे तक बैठक की. दिल्ली के सीएम और उपराज्यपाल के बीच यह बैठक एलजी सचिवालय में हुई. इसके बाद सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, "दिल्ली के काम में एलजी का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के काम नहीं हो पा रहे हैं."


सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि आपसी भेद को हटाकर हम साथ मिलकर काम कर सके. इसी मंशा के साथ मैं आज एलजी से मिला. बहुत सारी कानूनी आर्डर और संविधान की किताब उनके पास लेकर गया. मैं आज कोर्ट का जजमेंट आपके सामने रख रहा हूं, जो मैंने एलजी के सामने भी रखा है. एलजी के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो स्वतंत्र निर्णय ले सके."


जेस्मिन शाह के दफ्तर को सील करना गलत: सीएम केजरीवाल


उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट खुद ये कह रहा है. मैंने उनसे कहा कि इसका सीधा मतलब है, जो 10 मनोनीत पार्षद एलजी ने चुने वो गलत थे. टीचर्स को ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश जाने से रोकना गलत है. जेस्मिन शाह के दफ्तर को सील करना भी गलत है और हमारी पार्टी पर 164 करोड़ का रिकवरी का नोटिस भेजना भी गलत है. इस पर एलजी ने कहा कि 'मैं प्रशासक हूं और मैं कुछ भी कर सकता हूं.' उन्होंने कहा कि जो आप दिखा रहे हैं वो सुप्रीम कोर्ट का सिर्फ सुझाव हो सकता है. एलजी ने कहा कि मुझ पर ये नियम नहीं लागू होते."


जानिए सीएम से क्या बोले एलजी?


दिल्ली के सीएम ने कहा, "मैंने संविधान के बारे में उनको बताया. मैंने हाईकोर्ट का जजमेंट भी बताया एलजी को लेकिन वो बार-बार ये कहते रहे कि मैं एडमिनिस्ट्रटर हूं और मैं ये सब कर सकता हूं." आपको बता दें कि इस बैठक में अरविंद केजरीवाल अपने साथ संविधान, जीएनसीटीडी अधिनियम, टीबीआर, शिक्षा अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, संविधान पीठ की आर्डर कॉपी साथ लेकर पहुंचे थे.


एलजी ने सीएम को बैठक के लिए किया था आमंत्रित 


इससे पहले सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार की सुबह राज्यपालों की भूमिका पर एक अखबार के लेख का जिक्र करते हुए कहा, “निर्वाचित सरकारों को काम करने दें। निर्वाचित सरकारों को तुच्छ पक्षपातपूर्ण लाभ के लिए अपना काम करने से रोकना लोगों, लोकतंत्र और संविधान के लिए बुरा है.” उपराज्यपाल सक्सेना ने नौ जनवरी को एक पत्र के माध्यम से केजरीवाल को दिल्ली में प्रशासन के प्रावधानों पर चर्चा करने के वास्ते एक बैठक के लिए आमंत्रित किया.


सीएम केजरीवाल को एलजी ने दिया था ये सुझाव


उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के हित में “विरोधाभास मुक्त” शासन के लिए उनके साथ नियमित बैठकें करें. उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री अक्टूबर 2022 तक उनसे नियमित रूप से मिलते थे, लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली नगर निगम चुनावों और विभिन्न राज्यों के चुनावों में व्यस्तता के कारण ऐसा करने में असमर्थता जताई. दिल्ली में उपराज्यपाल कार्यालय और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच कई बार विभिन्न मुद्दों पर आपस में टकराव होता रहा है.


टीचर ट्रेनिंग को लेकर भी एलजी और केजरीवाल सरकार में तकरार


सीएम केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना को लिखे अपने हालिया पत्रों में, दिल्ली नगर निगम के पीठासीन अधिकारी और एल्डरमैन के साथ-साथ हज समिति के सदस्यों के नामांकन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या उपराज्यपाल को “प्रशासक” के रूप में दिल्ली में चुनी हुई सरकार की अनदेखी करना है. गौरतलब है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में कई मुद्दों को लेकर अंतर्विरोध की स्थिति है. गुरुवार को ही उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने ट्रेनिंग के लिए दिल्ली के सरकारी शिक्षकों के फिनलैंड जाने पर भी रोक लगा दी. इसे लेकर भी दिल्ली सरकार और एलजी के बीच रार और बढ़ गई थी.


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