Delhi News: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने झूठे और जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेज प्राप्त करने के मामलों में आरोपी एजेंटों और अन्य लोगों सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ जांच की इजाजत दे दी है. उन्होंने पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत इसकी मंजूरी दी है. हर आरोपी के खिलाफ दर्ज मामलों के आधार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी पुलिस को दी है. एलजी अप्रैल 2023 से अब तक 69 व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन को मंजूरी दे चुके हैं. इन लोगों के खिलाफ 46 एफआईआर दर्ज हैं.
अप्रैल में एलजी ने 40 के खिलाफ जांच की मंजूरी दी थी
दिल्ली के गृह विभाग ने एलजी से अधिनियम की धारा 15 के तहत अभियोजन की मंजूरी मांगी थी. उपराज्यपाल ने चिंता व्यक्त की कि एजेंट जो कि मामलों में सह-आरोपी हैं और अक्सर निर्दोष लोगों को झांसे से यात्रा कराने वाले रैकेट के सरगना होते हैं, का पता नहीं चल पाता है. इन 6 मामलों को देखने के दौरान उपराज्यपाल को बताया गया कि इनमें शामिल 8 एजेंटों का अभी तक कुछ पता नहीं चला है. इससे पूर्व, उपराज्यपाल ने अप्रैल से नवंबर 2023 के बीच अपने पास आई 40 एफआईआर में अभियोजन की मंजूरी दी थी.
एलजी ने केस देर से पेश करने पर जताई नाराजगी
मौजूदा 6 मामले 2007 से 2019 के बीच दिल्ली पुलिस द्वारा अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं. उपराज्यपाल ने देरी पर नाराजगी जताई और ऐसे एक मामले की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें 12 मई 2007 को एफआईआर दर्ज की गई थी और जिसकी फाइल 16 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद 30 नवंबर 2023 को उनके विचारार्थ प्रस्तुत की गई. उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में अनुचित देरी से बचने के लिए पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए थे, जिनका दिल्ली पुलिस और दिल्ली गृह विभाग पालन नहीं कर रहा है, और अभियोजन की मंजूरी के लिए मामलों को प्रस्तुत करने में अत्यधिक देरी हुई.
6 एजेंटों के खिलाफ भी अभियोजन की मंजूरी
बता दें कि इन मामलों से पहले उपराज्यपाल एक अप्रैल 2023 से 30 नवंबर 2023 तक 52 यात्रियों से जुड़ी 40 एफआईआर में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे चुके हैं. ये ऐसे लोग हैं जिनके दस्तावेज झूठे और जाली पाए गए थे. 52 यात्रियों के अलावा, 6 एजेंटों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी गई है. यह पता चला है कि 17 एजेंटों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.