LG ने दी दिल्ली लीगल मेट्रोलॉजी रुल्स 2011 को मंजूरी, अब व्यापारियों ने की घटतौली तो खैर नहीं
Delhi News: दिल्ली में कम सामान तोलने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे मामलों में खुदरा विक्रेताओं को अब जुर्माना 2500 के बदले 5 हजार रुपये करना पड़ेगा.
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Delhi Latest News: दिल्ली में कारोबार चलाने वाले उन दुकानदारों, कारोबारियों और और एजेंसियों की खेर नहीं है, जो घटतौली और करने के आदी है. इस तरह का मामला सामने आरे पर अब दुकानदारों को पहले कई गुना ज्यादे का भुगतान करना होगा. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली लीगल मेट्रोलॉजी इनफोर्समेंट रुल्स 2011 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दे दी है.
एलजी के इस फैसले के बाद खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और निर्माताओं द्वारा आम उपभोक्ताओं से की जाने वाली धोखाधड़ी और जालसाजी पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी. यह उपभोक्ता हितों के लिए एक ढाल का काम करेगा.
ये संशोधन, जन विश्वास अधिनियम 2023 के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत हालिया परिवर्तनों के अनुरूप हैं. इसका उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण और निष्पक्ष बाजार प्रथाओं को सुनिश्चित करना है.
स्वीकृत संशोधनों में गैर मानक वजन या माप के निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं पर जुर्माने में वृद्धि के लिए Delhi Legal Metrology (Enforcement) Amendment Rules, 2011 की अनुसूची 11 (Schedule XI) में बदलाव शामिल है. खुदरा विक्रेता द्वारा गैर-मानक बाट या माप के इस्तेमाल करने पर जुर्माना 2500 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये किया जाएगा.
गैर-मानक बाट निर्माण पर जुर्माना 1 लाख रुपये
थोक व्यापारी के लिए यह राशि 10 हजार और पेट्रोलियम उद्योग/पेट्रोल पंप के लिए यह राशि 50 हजार रुपये होगी. गैर-मानक बाट या माप के निर्माण पर जुर्माने की राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जाएगी. इसी तरह खुदरा व्यापारी द्वारा अमानक पैकेट बेचने पर जुर्माना 2500 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये और निर्माता के लिए यह राशि 25 हजार रुपये की जाएगी.
भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 14 नवंबर 2023 के पत्र के माध्यम से राज्य सरकारों को कानून के तहत उनकी आवश्यकतानुसार प्रवर्तन नियमों (enforcement rules) में कंपाउंडिंग शुल्क निर्धारित करने की सलाह दी थी. LM Act 2009 की धारा 25, 27, 28, 29, 31, 34 और 35 के तहत किए गए पहले अपराध के खिलाफ सभी राज्यों में कंपाउंड शुल्क में वृद्धि कर इसको एक समान करने के लिए मसौदा मॉडल नियमों को प्रसारित किया था.
उपराज्यपाल ने नियमों में संशोधन के लिए कानूनी विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा है कि मसौदा अधिसूचना को पूर्व सहमति के लिए भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पास भेजा जाए.
कंपाउंडिंग शुल्क तय करने की सलाह
एलजी के आदेश के बाद अब दिल्ली सरकार विशेष अपराधों के लिए कंपाउंडिंग फीस बढ़ाने के लिए सशक्त हो जाएगी. यह महत्वपूर्ण कदम उल्लंघनों को रोकने और इसके अनुपालन को बढ़ावा देने और आखिरकार उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है.
दिल्ली में इन बदलावों के लागू होने से उपभोक्ता सशक्त होंगे और व्यवसायों के समान अवसर पैदा होंगे. ये संशोधन न केवल उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करेंगे बल्कि क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे. केंद्र सरकार की पहल के साथ जुड़कर और सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करके, यह दिल्ली को उपभोक्ता-अनुकूल और व्यापार-अनुकूल बनाएंगे.
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