Delhi LG vs CM: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के  बीच पीडब्लूडी सचिव (PWD) को बदले जाने को लेकर नये सिरे से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. एमसीडी मेयर चुनाव से एक दिन पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के द्वारा एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) पर हर छह माह में पीडब्लूडी सचिव को बदलने के आरोप को लेकर एलजी विनय सक्सेना ने पलटवार किया है. एलजी कार्यालय ने डिप्टी सीएम के आरोप को पूरी तरह से निराधर करार दिया है.


दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय ने मनीष सिसोदिया के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा है कि एलजी के द्वारा पीडब्लूडी सचिवों के तबादले के आरोप गलत और भ्रमक हैं. ऐसा वह पीडब्लूडी मंत्री के रूप में अपनी विफलता को छुपाने के लिए कर रहे हैं. सिसोदिया के बयान का जवाब देते हुए एलजी कार्यालय ने कहा है कि सिसोदिया के द्वारा छह महीने में पीडब्लूडी सचिव को बदल देने के आरोप क गलत हैं. एलजी ने सिर्फ 9 महीने पहले ही कार्यभार संभाला है. 


सचिव स्तर के अधिकारी का नहीं किया तबादला


एलजी कार्यालय ने अपने जवाब में इस बात का भी जिक्र किया है कि डिप्टी सीएम सिसोदिया के लिए जान लेना शिक्षाप्रद होगा कि जब से विनय सक्सेना ने 26 अप्रैल 2022 को एलजी का पदभार संभाला है, तब से पिछले 9 महीनों के दौरान पीडब्लूडी सचिव के रूप में कार्यरत एक भी अधिकारी का उनके द्वारा ट्रांसफर नहीं किया गया है. एलजी कार्यालय ने कहा है कि सिसोदिया के द्वारा दिया गया यह बयान आप सरकार के तहत पीडब्लूडी की पूरी विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए था. पीडब्लूडी के लापरवाही के कारण शहर में सड़कों की स्थिति बदतर है. 


क्या कहा था सिसोदिया ने


दरअसल, तीन दिन पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली के एलजी हर छह महीने में पीडब्ल्यूडी सचिव को बदल रहे हैं. 9 महीने पहले ही एलजी ने कार्यभार संभाला है. एलजी दफ्तर के सूत्रों ने संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि सिसोदिया ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जो मुख्यमंत्री और आप आदमी पार्टी के मंत्रियों की पहचान बन चुकी है. एलजी के लिए झूठे और काल्पनिक बयान देकर न्यायालय के आदेशों और संवैधानिक प्रावधानों की भी अनदेखी की गई है. सुप्रीम कोर्ट में सेवाओं में चल रहे मामले को प्रभावित करने के उद्देश्य से यह बयान दिया गया है. 


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