Delhi के एलजी का सीएम केजरीवाल को जवाब, 'फरिश्ते योजना' रोकने का आरोप 'शरारतपूर्ण'
Vinai Saxena reply to Arvind Kejriwal: एलजी वीके सक्सेना ने सीएम को लिखे अपने पत्र में कहा है कि "फरिश्ते योजना" स्वास्थ्य और वित्त विभाग के मातहत है. केजरीवाल और आप मंत्रियों के नियंत्रण में आते हैं.
Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 16 दिसंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जवाब देते हुए "फरिश्ते योजना" को रोकने के आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने इसे जिम्मेदारियों से बचने के उद्देश्य से "अहंकार की पूर्व-सोच-समझकर की गई कवायद" करार दिया. एलजी सक्सेना की जवाबी प्रतिक्रिया से आप सरकार और राजनिवास के बीच बढ़ती कानूनी खींचतान का प्रतीक है.
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित फरिश्ते योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले लोगों को मुफ्त और त्वरित उपचार प्रदान करना है. उपराज्यपाल ने अपने पत्र में कहा है कि "फरिश्ते योजना" स्वास्थ्य और वित्त विभाग के अंतर्गत आती है, जो केजरीवाल और आप मंत्रियों के नियंत्रण में आते हैं.
इस मामले को NCCSA को सौंपने के संकेत
इस योजना से जुड़े प्रमुख अधिकारियों को निलंबित करने को कहा गया है. एलजी सक्सेना ने इस मामले को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) को सौंपने का भी जिक्र किया है. सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा नियम 23(viii) के तहत अस्पतालों को लंबित भुगतान के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने को सक्सेना ने गलत माना है, क्योंकि ऐसे निर्णय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के दायरे में आते हैं, एलजी के दायने में नहीं.
सौरभ भारद्वारज के आरोपों पर उठाए सवाल
दिल्ली के एलजी ने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा लगाए गए आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भुगतान और योजना संचालन पर निर्णय स्थानांतरित विषयों के अंतर्गत हैं और इसमें उनके कार्यालय को शामिल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट दायर करने पर हैरानी जताई है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि इस मामले को प्रशासनिक विभागों के साथ समन्वय करके हल किया जा सकता था. मीडिया रिपोर्टों और चल रही कानूनी लड़ाई के बावजूद एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले की विचाराधीन स्थिति का हवाला देते हुए कोई भी निर्देश या राय जारी करने से परहेज किया है.