Delhi News Today: दिल्ली के शहरीकृत गांवों के किसान लंबे समय से पुश्तैनी जमीनों के म्यूटेशन पर लगी रोक के अटपटे नियम कानून से परेशान थे. वह लगातार उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार से अपनी 11 मांगों में इस समस्या को लेकर भी लगातार समाधान की गुहार लगा रहे थे.
अब उनकी इस प्रमुख समस्या का समाधान उपराज्यपाल ने मंगलवार (17 सितंबर) को पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर की गई घोषणा के साथ कर दिया, जिससे 100 शहरीकृत गांवों के करीब दो लाख किसानों को राहत मिल गई है.
इससे शहरीकृत गांवों के किसानों को खेती की जमीन पर पुश्तैनी आधार पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद होने का सबसे ज्यादा खामियाजा उत्तर, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी दिल्ली के करीब सौ गांवों के किसानों को भुगतना पड़ रहा था.
लाखों लोगों को मिली बड़ी राहत
दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने मंगलवार को मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र फेज- एक स्थित डीडीए ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसका ऐलान किया. इसके तहत राजधानी के शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के मालिकाना हक को उत्तराधिकार के आधार पर दर्ज करने का निर्देश दिया.
इससे लंबे समय से जद्दोजहद कर लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है. एलजी ने कहा कि दिल्ली में अब पहले की तरह की विरासत के आधार पर म्यूटेशन होगा. जिसका काम 12 गांवों में इसी शुक्रवार से शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन की तरफ से गांवों में शिविर लगाए जाएंगे.
पीएम के जन्मदिन पर तोहफा
एलजी वीके सक्सेना ने साल 2010 से कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद होने के कारण किसानों को हुई तकलीफ के लिए माफी मांगते हुए कहा, "यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था." एलजी ने कहा,"आज मंगलवार के दिन पीएम मोदी का जन्मदिन है, इस दिन को दिल्ली के गांवों के लिए खास दिन के रूप में याद रखा जाएगा."
उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के उत्तराधिकार के आधार पर दाखिल खारिज अब राजस्व अधिकारी करेंगे, जैसा पहले किया जाता था. जिससे संबंधित ऑर्डर पर दस्तखत करने के बाद ही वे इस कार्यक्रम में उनके बीच आए हैं.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था कि गरीब किसान की मृत्यु के बाद उनके बच्चे जमीन अपने नाम नहीं करा पा रहे थे. इसके लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही थीं.
'गांव में ही लगाए जाएंगे म्यूटेशन शिविर'
उपराज्यपाल ने कहा कि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन अब उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनके गांव में ही म्यूटेशन के लिए शिविर लगाए जाएंगे जो डीएम और एसडीएम की निगरानी में होगा. उन्होंने सांसदों से भी शिविर का नियमित रूप से निरीक्षण करने का अनुरोध किया.
इस मौके पर एलजी ने 'दिल्ली ग्रामोदय अभियान' के तहत उत्तर- पश्चिम दिल्ली के 18 गांवों में 41 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने 'नमो ड्रोन दीदी योजना' और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के 21 गांवों में घरेलू पीएनजी का भी उद्घाटन किया.
इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी, योगेंद्र चंदोलिया, बांसुरी स्वराज, रामवीर सिंह बिधूड़ी और कमलजीत सहरावत के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे.
एलजी के फैसले पर जताई खुशी
बता दें, बीते 15 सितंबर को दिल्ली देहात के गांव के हजारों लोगों ने जंतर- मंतर पर महापंचायत कर एलजी और दिल्ली सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई थी. जिसमें कृषि भूमि के बंद पड़े म्यूटेशन का मामला भी शामिल था. ग्रामीणों ने सरकार को 15 दिनों का समय दिया, जिसके बाद उन्होंने बड़े स्तर आंदोलन करने की चेतवानी सरकार को दी थी.
एलजी की पुश्तैनी जमीन के म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा शुरू किए जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर करते हुए पालम 360 खाप के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि उपराज्यपाल की घोषणा से दो लाख से अधिक किसानों को राहत मिली है. इस घोषणा के बाद हमारी तरफ से उठाए जा रहे छह मुद्दों का समाधान अभी बाकी है. जिसका समाधान होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
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