Delhi Liquor Policy Case: 'आज नहीं...अब कल या परसों CM केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है ED', सौरभ भारद्वाज का दावा
Delhi Excise Policy Case: सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी नौकरी ठुकराई है. बीजेपी चाहती है कि कैसे उनकी ईमानदारी को छीन लिया जाए. केजरीवाल झुक जाएं और बीजेपी के पाले में आ जाएं.
Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में चर्चा है कि सीएम केजरीवाल को केंद्र सरकार गिरफ्तार करना चाहती है. उन्होंने कहा कि हमारे पास सूचना है, लेकिन हम अपने सूत्र नहीं बता सकते. ईडी सूत्रों के हवाले से कह रही है कि आज गिरफ्तार नहीं करेंगे. आज तो ऐसे भी गिरफ्तार नहीं कर सकते क्योंकि खेल खुल गया. अब कल या परसो करेंगे.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दो साल से सुन रहे हैं कि दिल्ली में करोड़ों का शराब घोटाला हो गया, जबकि एक रुपया बरामद नहीं हुआ. हर दिन बीजेपी प्रेस कांफ्रेंस करती है. हमारे पोस्टर-होर्डिंग लगाने वालों तक से एजेंसियों ने पूछताछ किया. अब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश बनी है, क्योंकि लोकसभा चुनाव आ रहा है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई के सामने गए और जवाब दिया. हमारे वकील बता रहे हैं कि ईडी का समन गैरकानूनी है.
'केजरीवाल ईमानदारी का दूसरा नाम'
आप नेता ने आगे कहा, "बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि एजेंसियां काम कर रही हैं. ये किस तरह से काम कर रही है कि बीजेपी में शामिल होने वाले सभी लोगों की जांच बंद हो जाती है. दर्जनों ऐसे नेता हैं, जिन पर एजेंसी की तलवार थी, बीजेपी इन्हें भ्रष्टाचारी कह रही थी, लेकिन पार्टी में शामिल होने के बाद एजेंसियां इनका भ्रष्टाचार भूल गईं. आज अगर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह और विजय नायर बीजेपी में शामिल हो जाएं तो एजेंसी इन्हें भूल जाएंगी और इसलिए आज अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़े हैं, क्योंकि केजरीवाल ईमानदारी का दूसरा नाम है."
इनकी नीयत में खोट है- भारद्वाज
भारद्वाज ने कहा, "केजरीवाल ने अपनी नौकरी ठुकराई है. बीजेपी चाहती है कि कैसे उनकी ईमानदारी को छीन लिया जाए. अरविंद केजरीवाल झुक जाएं और बीजेपी के पाले में आ जाएं. यह देश और प्रजातंत्र के लिए बुरी खबर है, क्योंकि सवाल करने वालों को अगर जेल में डाला जाएगा तो प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा. ये कहते हैं कि सहयोग करें, सहयोग का क्या यह मतलब है कि हम जेल में चले जाएं. क्या मनीष सिसोदिया के लिए ईडी ने कहा है कि इन्होंने सहयोग किया, जो पूछा जवाब दिया अब इन्हें जमानत दे दें. हमने कब कहा कि सवाल का जवाब नहीं देंगे, हमें सवाल लिखकर भेज दें. तुम्हें लिखित में जवाब भेज देंगे. इनकी नीयत में खोट है, न सवाल है, न सबूत है. सिर्फ गिरफ्तार करना है."