Delhi News: दिल्ली आबकारी नीति मामले को लेकर दिल्ली में सियासी पारा चरम पर है. आप और बीजेपी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. इस बीच आज यानी रविवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्रीय जांच ब्यूरो के सामने पेश होंगे. सीबीआई ने उन्हें दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था. समन के मुताबिक सीएम केजरीवाल सुबह 11 बजे सीबीआई दफ्तर पहुंचेंगे. सीएम से पूछताछ के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सीबीआई हेडक्वार्टर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
दिल्ली पुलिस को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछताछ को ध्यान में रखते हुए पैरा मिलिट्री बलों सहित 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात किया गया है. सीबीआई हेडक्वार्टर और आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सीबीआई हेडक्वार्टर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया है. सीबीआई हेडक्वार्टर की ओर जाने के लिए पहचान पत्र के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है.
राजघाट पर धरना देगी बीजेपी
इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल रविवाद सुबह 11 बजे सीबीआई के सामने पेश होंगे. वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप सांसद और मंत्री के साथ वहां पहुंचेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी की आज राजघाट पर धरना देने की योजना है. इस बीच सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है. आप नेताओं का कहना है कि बीजेपी के इशारे पर सीबीआई ऐसा कर सकती है. इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाने केबाद 26 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था.अरविंद केजीवाल की पेशी के विरोध में आज आम आमदी पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी प्रदर्शन करेंगे.
क्या है दिल्ली आबकारी घोटाला
बता दें कि दिल्ली सरकार ने साल 2021-22 में नई आबकारी नीति पेश की थी. नई आबकारी नीति के तहत होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात तीन बजे तक खोलने की दिल्ली सरकार ने छूट दी थी. इतना ही नहीं, नई आबकारी नीति में छत समेत खुली जगह पर भी जगह शराब परोसने की इजाजत थी. नई आबकारी नीति से पहले तक खुले में शराब परोसने पर रोक थी. नई पॉलिसी में कंज्यूमर की चॉइस को तवज्जो दी गई थी. इसका मकसद स्मगलिंग और बूटलेगिंग रोकना था. नई आबकारी नीति में खास बात यह थी कि ई-टेंडरिंग के जरिए हर जोन ऑपरेटर के लिए नया L-7Z लाइसेंस अलॉट किया गया था.
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