Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के कथित आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ दाखिल ईडी (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) शनिवार (6 मई) को सुनवाई करेगा. ईडी ने गुरुवार (4 मई) को दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ तीसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. यह पहली बार था जब ईडी ने मामले में अपनी चार्जशीट में सिसोदिया का नाम लिया था.


इससे पहले आबकारी नीति मामले की समानांतर जांच कर रही सीबीआई ने अपने पूरक आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम लिया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि पूरे आबकारी नीति मामले के पीछे सिसोदिया मास्टरमाइंड थे और उन्होंने जानबूझकर वित्तीय रिश्वत उत्पन्न करने के लिए नीति को सह-अभियुक्तों को लीक कर दिया था. सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.


ईडी ने 9 मार्च को किया था सिसोदिया को गिरफ्तार


गौरतलब है कि ईडी की ओर से जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 29 अप्रैल को मनीष सिसोदिया की हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी थी. इसके अलावा सीबीआई की ओर से जांच की जा रही मामले में अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी थी. सिसोदिया को सीबीआई ने बीते 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वहीं ईडी ने 9 मार्च को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.


अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मई तक के लिए है स्थगित


दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (4 मई) को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ से कहा कि ब्याज दर में 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत का परिवर्तन रिश्वत प्राप्त करने के लिए किया गया था. सिसोदिया ने पॉलिसी इस तरह बनाई कि गारंटीड रिटर्न रिश्वत के रूप में आया.


'सिसोदिया ने कानूनी विशेषज्ञों की राय को छुपाया'


एएसजी ने आगे कहा कि सिसोदिया ने प्रतिष्ठित हस्तियों की ओर से दी गई कानूनी विशेषज्ञों की राय को भी छुपाया. इसका जिक्र उन्होंने कहीं नहीं किया था. इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया. एएसजी ने यह भी कहा कि सिसोदिया के कहने पर राहुल सिंह नाम के शख्स ने एक ड्राफ्ट नोट तैयार किया था, जिसे उनके व्हाट्सएप चैट से साबित किया जा सकता है. ऑरिजनल गायब है. ड्राफ्ट का केवल एक हिस्सा फोन से प्राप्त किया गया है. न्यायाधीश ने तर्क पर संज्ञान लेते हुए मामले को 10 मई तक के लिए स्थगित कर दिया.


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