Delhi Liquor Policy Case: मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर चार्जशीट पर आज होगी सुनवाई, ED ने पहली बार बताया है 'मास्टरमाइंड'
Delhi Liquor Scam: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं.
Delhi News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की पांचवीं चार्जशीट पर बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने नई चार्जशीट में दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पहली बार मुख्य साजिशकर्ता माना है. इससे पहले ईडी ने अपनी दूसरी चार्जशीट में दावा किया था कि मनीष सिसोदिया के कहने पर विजय नायर और आप के कई नेताओं ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था.
इससे पहले ईडी ने अपनी तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दावा किया था कि दिल्ली नई शराब नीति आप के कुछ बड़े नेता और साउथ ग्रुप का षडयंत्र था. सीएम केसीआर की बेटी और बीएसआर नेता के. कविता का नाम भी साउथ ग्रुप में शामिल है. दरअसल, दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच ED और सीबीआई कर रही है. सीबीआई ने सिसोदिया को 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को तिहाड़ जेल से 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है.
23 मई तक ED की कस्टडी में है सिसोदिया
इस मामले में 8 मई को कोर्ट ने ED के केस में मनीष सिसोदिया की हिरासत 23 मई तक के लिए बढ़ा दी थी। ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अभी तक सिसोदिया के आलवा 11 और लोगों को भी गिरफ्तार किया है। आठ मई की सुनवाई से पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 अप्रैल को ED के मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एमके नागपाल ने कहा था कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ही शराब विक्रेताओं की योग्यता और उनके प्रॉफिट मार्जिन को बदला था। जस्टिस नागपाल ने ये भी कहा था कि यह काम सिसोदिया ने मंत्रियों से चर्चा के बगैर ही किया था.
इस मामले में मुख्य आरोपी हैं पूर्व डिप्टी सीएम
मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने बतौर पूर्व डिप्टी सीएम ने साउथ लॉबी के हिसाब से ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स रिपोर्ट को बदला था। अदालत में ED ने इस बात का दावा भी किया है कि उसके पास इससे जुड़े सबूत हैं, जो यह साबित करता है कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग के काम में शामिल थे. इसी आधार पर कोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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