Delhi Ghazipur Landfill News: देश की राजधानी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट में दो दिन पहले भयंकर आग की घटना सामने आई थी. दिल्ली फायर सेवा, एमसीडी सहित अन्य एजेंसियों द्वारा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी इस आग पर काबू पाने में 15 घंटे से ज्यादा समय लगा था. इस घटना के बाद एक बार फिर गाजीपुर लैंडफिल इलाके में रहने वाले लोगों का दुर्गंध, गंदगी और नारकीय जीवन से उपजा घाव हरा हो गया है.
दशकों से इस समस्या को झेलते आये इस इलाके के लोगों ने एबीपी से इस मसले पर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की. लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो कूड़े का पहाड़ कुतुब मीनार से भी ऊंचा हो जाएगा.
'नेता सिर्फ वोट लेते हैं, फिर कुछ नहीं करते'
घड़ौली एक्सटेशन के लोगों का कहना है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने के बाद इस इलाके में रहने वालों की हालत खराब है. बड़ों से लेकर बच्चों तक सभी सांसों की परेशानी से पीड़ित हैं. हालात इतने खराब हैं कि आज कई बच्चे मोहल्ले में धुंआ देखकर स्कूल भी नहीं गए.
'एक ट्रक हटता नहीं, 10 ट्रक आ जाता है'
गाजीपुर पहले सिर्फ एक गड्ढा था और अब तो 80 फुट ऊंचा पहाड़ बन गया है. जब तक कूड़े का पहाड़ खत्म नहीं होगा, तब तक हम लोग बीमार होते रहेंगे. एक ट्रक कूड़ा जाता है और 10 ट्रक कूड़े फिर वापस आ जाता है. कैसे खत्म होगा ये पहाड़.
प्रेम सिंह का दावा- हर घर में मरीज
स्थानीय निवासी प्रेम सिंह का कहना है कि नेता बोलते हैं कि 2 साल में कूड़ें के पहाड़ को खत्म कर देंगे. 30 से 35 सालों से देख रहे हैं, गाजीपुर पहाड़ की ऊंचाई कभी कम नहीं हुई. आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और घूलजनित रोगों से पीड़ित हर घर में कोई न कोई मरीज है. सुमन भी प्रेम सिंह की बातों से सहमति जताते हुए बोलीं, ये सही कह रहे हैं. आठवीं कक्षा का छात्र दक्ष का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत होती है. गले और आंखों में जलन होती है.
यहां से कूड़ा हटाने की जरूरत
इसी तरह सावित्री, अभिषेक, लक्ष्मी, राजेश गौतम, संजीव, राजेश, गंगाराम, सचिन जाटव, योगेंद्र सिंह, केपी सिंह का भी कहना है कि सालों से इन समस्याओं से झेलते आये हैं. उन्होंने कहा कि कोई सुध नहीं लेता. यहां का हर आदमी परेशान है. लोगों की मांग है कि यहां से कूड़ा हटना चाहिए. एक ट्रक जाता है और 10 ट्रक कूड़ा वापस आ जाता है.
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