दिल्ली कांग्रेस में कलह? अरविंदर सिंह लवली पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने लगाये बीजेपी को लाभ पहुंचाने का आरोप
Delhi Lok Sabha Chunav 2024: राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले सियासी पारा हाई हो गया है. अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा देकर कयासों का बाजार गर्म कर दिया.
Delhi Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की गहमा-गहमी के बीच कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ा झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस तरह से अचानक इस्तीफा देने के बाद जहां पार्टी के कुछ नेता सकते में हैं, तो वहीं पार्टी में उनके कुछ विरोधियों की उनके खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हो गयी हैं.
हम बात करे रहे हैं अरविंदर सिंह लवली के खिलाफ लग रहे आरोपों की. यह आरोप कोई और नहीं बल्कि दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार लगा रहे हैं और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं.
इंडिया गठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध
सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष में लवली पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की मांग की है. एबीपी लाइव से बात करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने लवली के इस कदम का कारण दिल्ली कांग्रेस में अंदरूनी कलह की बात सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में सबकुछ सही है. इंडिया गठबंधन के साथ मजबूती से चुनाव लड़ने और बीजेपी को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
'लवली की गतिविधियां पार्टी विरोधी'
चौधरी अनिल कुमार ने लवली पर तंज कसते हुए कहा कि वे पहले भी ऐसा काम कर चुके हैं, जब 2017 में एमसीडी का चुनाव प्रचार चल रहा था और वे अपने विधानसभा में राज बब्बर के साथ प्रचार कर रहे थे, लेकिन अचानक ही अगले दिन वे पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इससे पार्टी को उस वक़्त काफी नुकसान पहुंचा था और पार्टी एमसीडी में कई सीटें जीतते-जीतते रह गयी थी.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक बार फिर से वे पार्टी के साथ ठीक उसी प्रकार का काम कर रहे हैं. पार्टी लोकसभा चुनाव के प्रचार में जुटी हुई है और अरविंदर लवली अपने इस कदम से पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ा है, लेकिन उनकी गतिविधियां पार्टी विरोधी हैं.
'दिल्ली में कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश'
उन्होंने इशारों-इशारों में लवली पर निशाना साधते हुए कहा कि, दिल्ली में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन सौ प्रतिशत साथ मिल कर जीत हासिल करने और तानाशाही, भ्रष्टाचारी बीजेपी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने जा रही है, लेकिन कुछ लोग हैं जिनके मनसूबे दिल्ली में कांग्रेस को कमजोर करना और हराना है, जिन्हें वे कमायाबी नहीं होने देंगे.
चौधरी अनिल कुमार ने आगे कहा कि लवली पार्टी में रह कर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. जबकि पार्टी में दोबारा वापस शामिल होने पर न केवल पार्टी ने उन्हें ससम्मान देकर गले लगाया बल्कि इतने कम समय में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की अहम जिम्मेदारी भी सौंप दी. उन्होंने कहा कि हालांकि टिकट न मिलने और निजी स्वार्थ को लेकर लवली ने पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू कर इस्तीफा दे दिया.
'लवली कर रहे बीजेपी को फायदा पहुंचाने का काम'
अरविंदर लवली पर आरोप लगाते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि 2017 में लवली ने पार्टी को छोड़कर नुकसान पहुंचाया था, लेकिन इस बार वे पार्टी में रह कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. पार्टी में रह कर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठना, आरोप लगाना यह सब उनके निजी स्वार्थ की वजह से हो रहा है. भले ही वह पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन वे काम बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला ही कर रहे हैं.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से गुजरात विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के एक उम्मीदवार, जिसने साजिशन बीजेपी के उम्मीदवार को जितवाने का काम किया था, के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई उसी तरह लवली के खिलाफ भी वे सख्त कार्रवाई और पार्टी से निष्कासित करने की मांग कर रहे हैं.
'लवली को नहीं थी इंडिया गठबंधन से कोई समस्या'
दिल्ली कांग्रेस और लवली के इंडिया गठबंधन के खिलाफ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, गठबंधन से पहले पार्टी अध्यक्ष खरगे, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों के अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं से बात की थी. उस दौरान वे प्रदेश अध्यक्ष थे और लवली ने खुद ही गठबंधन का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि पार्टी को बड़ा सोचना चाहिए.
वहीं, इस लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के नामों के चयन पर उन्होंने उस वक्त यह कहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस पर निर्णय लेता आया है इसलिए इस बार भी पार्टी नेतृत्व ही उस पर फैसला ले और अब वे इस तरह के बेवजह आरोप लगा कर पार्टी को कमजोर करने और उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. जो निश्चित ही बीजेपी कि साजिश है.
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