Lok Sabha Elections 2024: इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के लिए बने "इंडिया गठबंधन" में चुनाव से पहले ही बिखराव नजर आने लगा है. इसकी एक बड़ी वजह विपक्षी दलों का मन से साथ नहीं आना. यही वजह है कि पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दिल्ली में एक साथ हो कर चुनाव लड़ने जा रही है और यहां एक दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहने की बात कह रही है.
सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से आप के पास फिलहाल कोई बड़ा चेहरा न होने के कारण उन्हें इसका थोड़ा खामियाजा जरूर भुगतना पड़ रहा है. दिल्ली में बनी इस गठबंधन में आप बड़े भाई की भूमिका में आते हुए चार सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जबकि देश की सबसे पुरानी और राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को महज तीन सीट से संतोष करना पड़ा है. बावजूद इसके वे गठबंधन की एकता का राग अलाप रहे हैं, वहीं बीजेपी "इंडिया गठबंधन" में सबकुछ ठीक नहीं होने की बात कह रही है, क्योंकि बीजेपी के खिलाफ होने वाले इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन को अचानक ही रद्द कर दिया गया.
एक साथ आने के लिए तैयार नहीं
इसे लेकर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि "इंडिया गठबंधन" के नाम पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का अवसरवादी गठबंधन आगे नहीं बढ़ पा रहा है क्योंकि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक साथ आने के लिए तैयार नहीं हैं. जिसका प्रमाण आज सुबह उस वक़्त सबके सामने आ गया, जब "आप" नेताओं द्वारा कल बीजेपी के खिलाफ घोषित इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन आज सुबह अचानक रद्द कर दिया गया.
संयुक्त प्रदर्शन के लिए मनाने में असमर्थ
उन्होंने कहा कि "आप" ने इस प्रदर्शन को लेकर मीडिया आमंत्रण और प्रेस विज्ञप्ति जारी की, लेकिन कांग्रेस ने कोई निमंत्रण जारी नहीं किया और न ही इंडिया गठबंधन के आधिकारिक लेटरहेड पर कोई निमंत्रण जारी किया गया. जिस कारण इस प्रदर्शन को रद्द करना पड़ा. कपूर ने कहा, प्रदर्शन रद्द होने से साफ पता चलता है कि आप और कांग्रेस दोनों के नेता अपने कार्यकर्ताओं को संयुक्त प्रदर्शन के लिए मनाने में असमर्थ हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने में आप की विफलता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन में शामिल होने से इनकार करने के कारण "आप" को यह प्रदर्शन रद्द करना पड़ा.
कांग्रेस ने नहीं कि उम्मीदवारों की घोषणा
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने का बड़ा सबूत इस बात से मिलता है कि 27 फरवरी को आप द्वारा अपने 4 उम्मीदवारों की घोषणा के 30 दिन बाद भी कांग्रेस 3 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि, समस्या यह है कि आप के 62 विधायकों में से अधिकांश कम से कम दूसरी बार विधायक हैं और वे गठबंधन सीट समायोजन में अपनी सीटें खोने के डर से कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं.
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