Delhi Lok Sabha Elections Result 2024: देशभर में हुए लोकसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को सामने आ चुके हैं. देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है. हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी को कुछ राज्यों से बड़ा झटका जरूर लगा है, बावजूद इसके एनडीए अपने विरोधी इंडिया गठबंधन को मात देने में कामयाब रहा. वहीं दिल्ली में बीजेपी ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए लगातार तीसरी बार सभी सातों सीटों पर क्लीन स्वीप किया है और वह भी प्रचंड मतों के साथ.


दिल्ली में हैट्रिक लगाने वाली देश की एक मात्र पार्टी
दिल्ली की जीत से उत्साहित दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि एनडीए लगातार तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है. देश और खासकर दिल्ली ने मोदी सरकार की विकास नीतियों पर अपना वोट दिया है. लगातार तीसरी बार दिल्ली जीतने पर उन्होंने गौरवांवित होते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने लगातार तीसरी बार बीजेपी को 7-0 से विजयी बना कर एक अभूतपूर्व इतिहास रचा है.


'दिल्ली के साथ पंजाब में भी जनता ने AAP को नकारा'
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 1952 से अब तक दिल्ली में कभी भी लगातार तीन लोकसभा चुनाव में एक ही पार्टी को जीत नहीं मिली है. लेकिन, दिल्ली ने इस बार भी बीजेपी की मोदी सरकार पर भरोसा कायम रखते हुए जहां तीसरी बार जीत दिलाई है तो वहीं दिल्ली की जनता ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार को पूरी तरह से नकार दिया है. लाख कोशिशों और भ्रम के मायाजाल को फैलाने के बावजूद आम आदमी पार्टी को न सिर्फ दिल्ली वालों ने बल्कि पंजाब की जनता ने भी पूरी तरह ठुकरा दिया है.


बीजेपी ने छह सीटों पर उतारे थे नए चेहरे
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को छोड़ कर बाकी सभी छह निवर्तमान सांसदों का टिकट काट कर नए चेहरों पर दांव लगाया था, जिंसमें वो न केवल कामयाब हुए बल्कि बीजेपी के सभी प्रत्याशियों ने भारी मतों से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को मात दी.


बीजेपी ने दिल्ली में इन चेहरो पर लगाया था दांव 
• बीजेपी ने चांदनी चौक सीट से व्यवसायी प्रवीण खंडेलवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था औऱ उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं के भरोसे पर खरा उतरते हुए जीत दर्ज की और अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के जयप्रकाश अग्रवाल को 89 हजार 325 वोटों से हराया. प्रवीण खंडेलवाल को 5 लाख 16 हजार 496 वोट मिले थे, जबकि जयप्रकाश अग्रवाल को 4 लाख 27 हजार 171 वोट ही हासिल हुए.
• उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी बीजेपी के एक मात्र उम्मीदवार रहे, जिस पर पार्टी ने तीसरी बार भी भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा था, जिसमें वे कामयाब भी रहे. अपने संसदीय क्षेत्र में प्रचंड मत प्राप्त कर उन्होंने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कन्हैया कुमार को 1 लाख 38 हजार 778 वोटों से हराया. मनोज तिवारी को 8 लाख 24 हजार 451 जबकि कन्हैया कुमार को 6 लाख 85 हजार 673 वोट मिले. बता दें कि कन्हैया कुमार इससे पहले 2019 के चुनाव में बेगूसराय से बीजेपी के गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे, जिसमें भी उन्हें मात खानी पड़ी थी. 


• पूर्वी दिल्ली- हर्ष दीप मल्होत्रा ने इंडिया गठबंधन की तरफ से AAP के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 93 हजार 663 वोटों के बड़े अंतर से हराया. पूर्वी दिल्ली सीट पर बीजेपी के हर्ष मल्होत्रा को 6 लाख 64 हजार 819 वोट मिले, जबकि कुलदीप कुमार 5 लाख 71 हजार 156 वोट ही हासिल कर पाए.
• दक्षिण दिल्ली- रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इंडिया गठबंधन और AAP के उम्मीदवार सहीराम को पटखनी दी. उनकी जीत और सहीराम पहलवान के हार के बीच के वोटों का मार्जिन 1 लाख 24 हजार 333 रहा. बिधूड़ी के पक्ष में 6 लाख 92 हजार 832 लोगों ने मतदान किया जबकि सहीराम पहलवान को 5 लाख 68 हजार 499 वोट मिले.
• पश्चिमी दिल्ली- कमलजीत सिंह सहरावत ने प्रचंड वोट हांसिल कर पूर्वांचल के कद्दावर नेता माने जाने वाले AAP और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी महाबल मिश्रा को 1 लाख 99 हजार 13 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया. कमलजीत सहरावत को यहां 8 लाख 42 हजार 658 प्राप्त हुए, जबकि उनके प्रतिद्वंदी महाबल मिश्रा को 6 लाख 43 हजार 645 वोट मिले.
• नई दिल्ली- वही नई दिल्ली सीट पर बांसुरी ने AAP के सोमनाथ भारती को 78 हजार 370 वोटों से हराया. बांसुरी स्वराज को 4 लाख 53 हजार 185 वोट मिले, जबकि सोमनाथ भारती के हिस्से 3 लाख 74 हजार 815 वोट आए.
• उत्तर पश्चिम दिल्ली- योगेंद्र चंदौलिया ने कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज को 2 लाख 90 हजार 849 वोटों के विशाल अंतर से हराया. चंदौलिया को 8 लाख 66 हजार 483 वोट मिले. वहीं उदित राज को 5 लाख 75 हजार 634 वोट हांसिल हुए. गौरतलब है कि योगेंद्र चंदोलिया अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे और कांग्रेस के डॉ. उदित राज पहले भी यहां से सांसद रह चुके हैं. हालांकि, वह जीत उन्होंने बीजेपी की टिकट पर हासिल की थी. पूर्व सांसद होने के बाद भी वे यहां से जीत नहीं पाए और उन्हें बीजेपी के नए चेहरे के हाथों मात खानी पड़ी.


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