दिल्ली की सातों सीट पर बीजेपी के अलग-अलग लोकसभा प्रभारी, जीत के पीछे रही खास रणनीति
Delhi Politics: चुनाव के लिए बीजेपी ने अलग-अलग सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति की थी. प्रभारियों ने बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में अहम भूमिका निभाई. उनकी रणनीति से बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई.
Delhi News: दिल्ली की सभी सात सीटों पर एक बार फिर क्लीन स्वीप कर बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रही. सफलता का श्रेय शीर्ष नेतृत्व के साथ सभी उम्मीदवारों को जाता है. लेकिन जीत की पटकथा लिखने वाले सभी लोकसभा सीटों के प्रभारियों ने भी काफी अहम योगदान दिया. उन्होंने कुशल नेतृत्व, दूरदर्शिता, अनुभव और सभी को साथ लेकर चलने की कला के दम पर हर सीट की अलग रणनीति से बीजेपी की जीत का मार्ग प्रशस्त किया.
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने विष्णु मित्तल को उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट, डॉ. अनिल गुप्ता को पूर्वी दिल्ली, राजेश भाटिया को चांदनी चौक, जय प्रकाश को पश्चिमी दिल्ली, राजकुमार भाटिया को उत्तर पश्चिमी दिल्ली, राजीव बब्बर को दक्षिणी दिल्ली और दिनेश प्रताप सिंह को नई दिल्ली लोकसभा सीट का प्रभारी बना कर जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. सभी प्रभारियों ने अपनी-अपनी लोकसभा सीट पर कुशल नेतृत्व, राजनीतिक कौशल और अनुभव का परिचय देते हुए जीत की इबारत लिखी.
इन दिग्गजों को बनाया गया था लोकसभा सीट का प्रभारी
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के प्रभारी अनिल गुप्ता की बूथ स्तर पर मेहनत काम आयी. बीजेपी को जीत दिलाने के लिए उन्होंने मजबूत कार्यकर्ताओं की टीम को खड़ा कर दिया. इससे पहले अनिल गुप्ता चांदनी चौक लोकसभा सीट के प्रभारी रहे थे. उनका अनुभव पूर्वी दिल्ली में काफी काम आया. उन्होंने त्रिलोकपुरी, कोंडली, ओखला और जंगपुरा, इन सुरक्षित और मुस्लिम बहुल सीटों पर काफी मेहनत की. नतीजन बीजेपी के प्रत्याशी को भारी मतों से जीत मिली.
किस रणनीति की बदौलत प्रत्याशी को दिलाई कामयाबी
ऐसा ही कुछ चांदनी चौक लोकसभा सीट के प्रभारी राजेश भाटिया ने भी किया. उन्होंने वर्तमान और पूर्व सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर अलग-अलग दायित्व सौंपा. प्रत्येक कार्यकर्त्ता को तीन-तीन बूथों का जिम्मेदार बनाया गया. उन्होंने जनसंपर्क अभियान पर विशेष ध्यान दिया. धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से मुलाकात कर बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने मतदाताओं को घरों से बाहर निकालने के लिए मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष और खंड प्रमुख स्तर पर रणनीति बनाई. चांदनी चौक सीट पर कांग्रेस से हार की रिपोर्ट के बावजूद उन्होंने काफी मेहनत की. नतीजन चांदनी चौक के किले पर भी बीजेपी कब्जा जमाने मे कमायाबी रही.
वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के प्रभारी विष्णु मित्तल ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में काफी मेहनत की. उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर दस्तक दी. लोगों से सम्पर्क साधकर मतदान के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बूथ मैनेजमेंट, पर्ची वितरण पर भी ध्यान केंद्रित किया. जनसंपर्क और पदयात्राओं का बड़ा लाभ जीत के रूप में मिला.
पश्चिमी दिल्ली में 74 गांव के लिए बनाई 74 लोगों की टीम
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के प्रभारी जय प्रकाश (जेपी) काफी अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं. उन्होंने पंजाबी बहुल जिलों में सामंजस्य बना कर काम करने के लिए 74 लोगों की टीम बनाई. टीम ने 74 गांवों में जा कर बीजेपी को जिताने का दायित्व निभाया. मतदान के लिए घर-घर जा कर लोगों को प्रेरित भी किया. कम मतदान वाले क्षेत्रों से प्रत्याशी के जीतने की संभावना बढ़ी. पीएम मोदी की रैली का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
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