Delhi News: दिल्ली में साल 2020 से खाली है लोकायुक्त का पद, नियुक्ति पर सरकार ने हाईकोर्ट को दी ये जानकारी
Lokayukta Appointment Issue: दिल्ली में लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. सरकार ने आज हाईकोर्ट को बताया. दिसंबर 2020 से लोकायुक्त का पद खाली पड़ा है. मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.
Lokayukta Appointment Issue in Delhi: दिल्ली सरकार ने आज हाईकोर्ट को बताया कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. आम आदमी पार्टी (आप) ने 2020 के चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था. दिल्ली सरकार ने जनहित याचिका के जवाब में जानकारी दी. याचिका में दिल्ली सरकार को पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र अनुसार लोकायुक्त नियुक्त करने का निर्देश देने की अपील की गई है.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील की दलील पर गौर करते हुए मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल तय की है. याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि राजनीतिक दल ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद अस्तित्व में आया था, लेकिन दिसंबर 2020 से लोकायुक्त का पद खाली पड़ा है.
हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस संबंध में एक बैठक बुलाई गई है और नियुक्ति के लिए एक नाम की सिफारिश को अंतिम मुहर लगाने की प्रक्रिया जारी है. याचिका में आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार रिश्वतखोरी, काला धन, बेनामी सम्पत्ति, कर चोरी, मुनाफाखोरी समेत अन्य आर्थिक अपराध को खत्म करने के लिए कदम नहीं उठा रही है. लिहाजा मौलिक अधिकारों के संरक्षक के नाते अदालत को लोकायुक्त की नियुक्त के मामले में दखल देना पड़ेगा. याचिका में कहा गया, "न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल के दिल्ली लोकायुक्त पद से सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने आज तक नियुक्ति के लिए कुछ नहीं किया और भ्रष्टाचार से संबंधित सैकड़ों शिकायतें कार्यालय में लंबित हैं.’’
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कब होगी लोकायुक्त की नियुक्ति?
याचिका के मुताबिक ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद आप का गठन किया गया था लेकिन लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करना कई मोर्चों पर राज्य के खराब प्रदर्शन की पुष्टि करता है. आप ने 2015 और 2020 के चुनावी घोषणा पत्र में कड़ा और प्रभावी जन लोकपाल विधेयक लाने का वादा किया था, लेकिन कानून बनाने के बजाय, 1995 के अधिनियम के तहत लोकायुक्त की नियुक्ति भी नहीं कर रही है और विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित सैकड़ों गंभीर शिकायतें लोकायुक्त कार्यालय में लंबित हैं.