Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने हवाईअड्डे की सुरक्षा प्रक्रियाओं से अनजान अपने रिश्तेदार के लिए दिल्ली हवाईअड्डे में प्रवेश करने के लिए हवाई जहाज का जाली टिकट बनाने के आरोपी एक व्यक्ति को बरी कर दिया है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट भारती गर्ग ने आरोपी धीरज कुमार को बरी कर दिया, जिस पर पुलिस ने अपने मोबाइल फोन पर फोटोशॉप का इस्तेमाल करके इंडिगो एयरलाइंस की दिल्ली से लखनऊ फ्लाइट का टिकट बनाने का आरोप लगाया था.


पुलिस ने दावा किया कि कुमार ने अपने करीबी रिश्तेदार के साथ बोर्डिंग पास काउंटर तक जाने के लिए ऐसा किया क्योंकि वह हवाई अड्डे के अंदर सुरक्षा प्रक्रिया से परिचित नहीं थी.


अदालत ने कही ये बात


अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए बयान में कई वाजिब संदेह सामने आए हैं और अभियोजन पक्ष के गवाहों के साक्ष्य आरोपी के खिलाफ कथित दोषी होने में विश्वास नहीं दिलाते हैं. चूंकि अभियोजन यह स्थापित करने में विफल रहा कि आरोपी ने जाली हवाई जहाज के टिकट का इस्तेमाल किया, इसलिए अदालत ने कहा कि वह इस मामले में आपराधिक ब्रीच स्थापित करने में सक्षम नहीं है.


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आरोपी का इरादा गलत नहीं था- कोर्ट


कोर्ट ने कहा एकमात्र तथ्य जो यहां पर लाया गया है वह यह है कि वह अपने करीबी रिश्तेदार को छोड़ने और हवाई अड्डे पर सुरक्षा प्रक्रिया को पार करने में उसकी मदद करने के लिए टर्मिनल भवन में प्रवेश किया था. यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि हवाईअड्डे पर अपने रिश्तेदार के साथ जाने के बजाय हवाईअड्डे पर किसी अन्य व्यक्ति को डराने, अपमानित करने या नाराज करने का कोई इरादा नहीं है.


आपराधिक प्रवेश मानने से कोर्ट ने किया इनकार


अदालत ने कहा, "अपेक्षित आपराधिक इरादे के बिना परिसर का अनाधिकृत प्रवेश गलत हो सकता है, लेकिन आपराधिक गलती नहीं." जाली टिकट पर अदालत ने कहा कि यह साबित नहीं होता है कि अभियोजन द्वारा रिकॉर्ड पर रखा गया कथित जाली टिकट आरोपी के कब्जे या मोबाइल फोन से बरामद किया गया था.


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