Delhi: मनोज तिवारी ने क्लासरूम निर्माण में लगाया घोटाले का आरोप, CBI जांच की मांग
Classroom Scam: सतर्कता निदेशालय द्वारा लोकायुक्त को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षाओं की संख्या 7,180 थी, जो घटकर 4,126 हो गई, लेकिन इसके लिए बजट में कोई कटौती नहीं की गई.
Delhi News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मनोज तिवारी (Manoj tiwari) ने शुक्रवार को सतर्कता निदेशालय (DOV) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi Government School) में कक्षाओं के निर्माण में घोटाला (Classroom Scam) होने का आरोप लगाया और इसकी सीबीआई से जांच (CBI Inquiry) कराने की मांग की. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि सतर्कता निदेशालय ने पिछले महीने लोकायुक्त को यह रिपोर्ट सौंपी थी. दरसअल, मनोज तिवारी ने 2018 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं को लेकर लोकायुक्त से शिकायत की थी.
बीजेपी सांसद ने कहा, 'अर्द्ध-स्थायी स्कूलों का निर्माण 32 लाख रुपये की लागत से किया गया, जबकि नगर निगमों द्वारा स्थायी कक्षाओं का निर्माण नौ लाख रुपये में किया गया था.' सतर्कता निदेशालय द्वारा लोकायुक्त को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षाओं की संख्या 7,180 थी, जो घटकर 4,126 हो गई, लेकिन इसके लिए बजट में किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई.' यह मामला केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाना चाहिए. बीजेपी की दिल्ली इकाई के सचिव हरीश खुराना ने कहा कि समय आ गया है कि इस ‘घोटाले’ के लिए जिम्मेदार लोगों को जेल में डाल दिया जाए. बीजेपी के आरोपों पर दिल्ली सरकार या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी उपलब्ध नहीं हो सकी है.
DOV से मांगा था जवाब
बता दें कि 2015 में सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीडब्लूडी (PWD) को दिल्ली के 193 सरकारी स्कूलों में 2405 अतिरिक्त क्लासरूम बनाने का निर्देश दिया था. विजिलेंस ने क्लासरूम बनाने की जरूरत का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया था. विजिलेंस ने 194 स्कूलों में 7180 इक्विलेंट क्लासरूम बनाए जाने का अनुमान लगाया, जो 2405 क्लासेस के मुकाबले तीन गुना था. इसके बाद CVC ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में PWD द्वारा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्लारूम बनाने में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था. न्यूज एजेंसी के मुताबिक पिछले साल 1300 करोड़ के घोटाले की रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी गई थी. विभाग ने रिपोर्ट भेजकर DoV से जवाब मांगा था, लेकिन आप सरकार ने ढाई साल तक इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया. अगस्त 2022 में दिल्ली एलजी ने मुख्य सचिव को निर्देश देकर देरी की जांच करके रिपोर्ट देने कहा.
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