Ground Report: कड़ाके की सर्दी में भी नहीं बिक रहे गर्म कपड़े, खस्ताहाल में पालिका बाजार के पटरी दुकानदार
Delhi: कड़ाके की ठंड और शादियों के सीजन ऑफ होने की वजह से कपड़ों की दुकानदारी पर तो फर्क पड़ा ही है. साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से भी दुकानदारी पर खासा असर पड़ा है.
Delhi News: दिल्ली में इस वक़्त कड़ाके की सर्दी पड़ रही है.लोग इससे काफी परेशान हैं क्योंकि हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों को घरों में भी राहत नहीं मिल रही है. वहीं बाहर निकलने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब जब ठंड इतनी जबरदस्त पड़ रही है तो लोग खुद को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनने के साथ अलाव और हीटर का सहारा ले रहे हैं. वहीं इतनी ठंड पड़ने के बाद भी गर्म कपड़ों का बाजार ठंडा पड़ा है.
नहीं बिक रहे गर्म कपड़े
दिल्ली के बड़े और मशहूर पालिका बाजार में पटरियों पर गर्म कपड़ों की दुकान लगाने वाले दुकानदारों की हालत इतनी ठंड के बावजूद खस्ताहाल हो चुकी है. क्योंकि इस कड़ाके की ठंड में जिस तरह से गर्म कपड़े बिकने चाहिए, वो बिक नहीं रहे हैं. इसका कारण है लोगों का बाजारों तक नहीं पहुंचना. इस तरह के मार्केट में ज्यादातर लोग विंडो शॉपिंग करते हैं.जो घूमते-फिरते कपड़ों की भी खरीदारी करते हैं, लेकिन ठंड की वजह से लोग दिन ढलते ही अपने घरों में पहुंच जाना चाहते हैं.
कोरोना के बाद से अब तक नहीं लौटा पटरी पर कारोबार
पालिका बाजार पटरी पर 30 सालों से दुकान लगाने वाले एक दुकानदार रवि ने बताया कि, कोरोना के बाद से अब तक हालात में बहुत ज्यादा सुधार नहीं आया है. हालांकि पिछले साल ठंड में उनका काम बढ़िया चला था. जो इस बार काफी कम हो गया है. इसके लिए उन्होंने एक तो जबरदस्त ठंड को कारण बताया, क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि देर से सर्दी आने की वजह से भी काम नहीं चल रहा. उनका कहना है कि इस वक्त शादी वगैरह का भी सीजन नहीं है, और सर्दी भी देर से आई है. इससे लोग कुछ दिनों के लिए खरीदारी करने से परहेज कर रहे हैं.
सस्ती दरों पर अच्छी क्वालिटी के कपड़ों से भरा बाजार कर रहा ग्राहकों का इंतजार
बात करें मार्केट में बिकने वाले कपड़ों की तो पालिका बाजार की पटरी पर लगने वाली दुकानों में गर्म शर्ट से लेकर स्वेटर,जैकेट और लोअर सभी चीजें मिलती हैं. यहां लोगों को सस्ती दरों पर बढ़िया क्वालिटी वाले और ब्रांडेड कपड़ों की रेंज मिल जाती है, लेकिन ग्राहक ही यहां नहीं पहुंच रहे हैं. इससे कई बार जितने लोग उन दुकानों में काम करते हैं, उनकी दिहाड़ी भी नहीं निकल पाती.
कड़ाके की सर्दी और कोरोना के डर से लोग घरों में दुबके
पिछले 15 सालों से दुकान लगाने वाले एक दुकानदार अनिल ने बताया कि,कोरोना की वजह से लोगों के जमा-पूंजी खर्च हो गई. बीच में जब हालात सुधरे तो लोगों ने अपने हाथ भी खोले. वहीं एक बार फिर से कोरोना महामारी की आहट से लोग डरे हुए हैं, और आगे क्या होगा इस डर की वजह से सोच-समझ कर खर्च कर रहे हैं. इसकी वजह से भी लोगों की खरीदारी पर फर्क पड़ा है. इसके अलावा ठंड भी इस बार दिसंबर महीने के अंत से शुरू हुई है. जबकि पिछले साल ये नवंबर महीने में ही आ गई थी. ऐसे में लोग थोड़े दिनों के लिए गर्म कपड़ों की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं.
स्टाफ की भी नहीं निकल पा रही दिहाड़ी
वहीं पटरी दुकानदार रवि ने बताया कि पहले 30 से 40 हजार रुपये हर दिन की सेल हुआ करती थी. इससे दुकान पर काम करने वालों का खर्च और अच्छा-खासा मुनाफा भी हो जाया करता था. वहीं आज ये हालात हो गई है कि 7 से 8 हजार रुपये के कपड़े ही बिक पा रहे हैं.जिसमें दुकान पर काम करने वाले 4 लोगों की दिहाड़ी भी नहीं निकल पा रही है.
ऑफ सीजन, लेट ठंड और ऑनलाइन शॉपिंग ने किया खस्ताहाल
कड़ाके की ठंड और शादियों के सीजन ऑफ होने की वजह से कपड़ों की दुकानदारी पर तो फर्क पड़ा ही है. साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से भी इस पर खासा असर पड़ा है. साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग साईट्स पर सेल और ऑफर्स ने भी इन दुकानदारों को खस्ताहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बता दें बीते साल 2022 के दिसंबर महीने में जनवरी से बेहतर सेल थी.
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