Delhi Marriage Registration Data Results: देश की कैपिटल यानी दिल्ली (Delhi) में मैरेज रजिस्ट्रेशन (Marraige Registration) कंपलसरी होने के बावजूद यहां बहुत ही कम शादियां रजिस्टर होती हैं. रेवेन्यू डिपार्टमेंट के मुताबिक 01 अक्टूबर 2019 से 31 अगस्त 2022 के बीच 62,811 मैरेज रजिस्ट्रेशन के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से कुल 56,918 शादियां ही रजिस्टर हुईं. जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस पीरियड में कम से कम 5 लाख शादियां हुई हैं या इससे ज्यादा ही. अगर आंकडों पर गौर करें तो एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2018 के बीच 60,304 शादियां रजिस्टर हुईं और 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2019 के बीच 19,254 शादियों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
शादी का रजिस्ट्रेशन है अनिवार्य –
सुप्रीम कोर्ट के 2006 के ऑर्डर के तहत और दिल्ली कंपलसरी मैरेज रजिस्ट्रेशन 2014 के तहत दिल्ली में शादियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बहुत से सर्टिफिकेट्स जैसे वीजा आदि पाने या पासपोर्ट में पति का नाम अपने नाम के साथ जुड़वाने के लिए इस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है. इसके बावजूद जो लोग पर्सनल लॉ फॉलो करते हैं वे इसे डॉक्यूमेंट नहीं कराते.
कुछ लोग इस वजह से नहीं कराते रजिस्ट्रेशन –
दिल्ली के एक लॉयर का इस मामले में कहना है कि जहां हिंदू लॉ में मैरेज का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है सेक्शन 8 के हिंदू मैरेज एक्ट ऐसा कराना जरूरी होता है. वहीं कुछ कम्यूनिटी ऐसा नहीं करती. इसीलिए जितनी शादियां होती हैं उससे बहुत कम शादियां रजिस्टर होती हैं.
किस एक्ट में हुईं सबसे ज्यादा शादियां रजिस्टर –
रेवेन्यू डिपार्टमेंट द्वारा दिए गए डेटा के मुताबिक पिछले 35 महीनों में कुल 56918 शादियां रजिस्टर हुईं इनमें से ज्यादातर यानी 32,943 शादियां हिंदू मैरेज एक्ट के तहत रजिस्टर हुईं. इसके बाद कंपलसरी मैरेज एक्ट के तहत 19809 शादियां पंजीकृत हुईं और आंनंद एक्ट के तहत 2436 शादियां रजिस्टर हुईं और अंत में आता है स्पेशल मैरेज एक्ट जिसके तहत 1730 शादियों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
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