MCD Mayor Election: दिल्ली में मेयर चुनाव में वोटिंग से क्यों दूर रही कांग्रेस? सामने आई ये वजह
Delhi Mayor Election: दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में सीधा मुकाबला AAP और बीजेपी के बीच है. आम आदमी पार्टी के पास ज्यादा नंबर है लेकिन क्रॉस वोटिंग का खतरा बना हुआ है.
Delhi Mayor Election 2024: दिल्ली में आज (14 नवंबर) को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हो रहा है. दिल्ली नगर निगम में बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी सत्ता में है तो वहीं विपक्ष में बड़े नंबरों के साथ बीजेपी है. 250 पार्षदों में 8 पार्षद कांग्रेस के भी हैं लेकिन मेयर और डिप्टी मेयर को चुनने के लिए जो चुनाव हो रहा है उसमें कांग्रेस के पार्षद वोटिंग नहीं करेंगे. इस बारे में कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस इस प्रक्रिया से अपने आप को दूर रखेगी और वही हुआ.
AAP और बीजेपी में मुकाबला
मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है. आम आदमी पार्टी के पास ज्यादा नंबर है लेकिन क्रॉस वोटिंग का खतरा बना हुआ है. हालांकि अभी कोई ऐसे खास संकेत किसी पार्टी की तरफ से दिए नहीं गए है लेकिन दोनों ही पार्टी इस चुनाव को जीतने के लिए पूरा प्रयास करेंगी. अगर नंबर देखे जाए तो बीजेपी के पास 114 पार्षद और 7 एमपी और एक विधायक हैं जिस हिसाब से तकरीबन 122 के करीब यह आंकड़ा वोटिंग का पहुंच सकता है.
वहीं, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के पास 127 पार्षद और राज्यसभा एमपी और 13 एमएलए है. हालांकि नतीज़े आने के बाद ही तय हो पाएगा कि आखिर किसको जीत मिलेगी. एमसीडी एक्ट के मुताबिक तीसरे साल में मेयर और डिप्टी मेयर की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व होती है इसलिए दोनों ही पार्टी ने अप्रैल महीने में ही मेयर और डिप्टी मेयर के अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी जो दोनों अनुसूचित जाति से हैं.
स्टैंडिंग कमेटी मेंबर चुनाव से भी कांग्रेस रही थी दूर
पिछले महीने यानी सितंबर में स्टैंडिंग कमेटी के एक मेंबर का चुनाव होना था, उस दिन भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के साथ निगम के सभी कांग्रेस पार्षद मौजूद थे जहां इस बात की घोषणा की गई थी कि इस चुनाव से सभी कांग्रेस पार्षद दूर रहेंगे और वोट नहीं करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्षदों को अपने इलाके में काम करने का मौका नहीं मिल रहा.
कांग्रेस की क्या है स्थिति?
हालांकि, अगर देखा जाए तो कांग्रेस के पास नंबर बहुत कम है और वह दोनों ही पार्टी के पक्ष में वोट ऐसे मौके पर नहीं कर सकते जब किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है. लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन के तहत कांग्रेस और आप का एक रूख था लेकिन अब क्योंकि विधानसभा चुनाव है और अभी तक गठबंधन को लेकर कोई तस्वीर साफ नहीं है.
इसलिए आम आदमी पार्टी का निगम में साथ देने को लेकर कांग्रेस ने वोटिंग प्रक्रिया से ही अपने आप को दूर कर लिया और मेयर और डिप्टी में चुनाव को लेकर भी कांग्रेस चुनाव में वोटिंग की प्रक्रिया से दूर है. बताया जा रहा है कि सभी पार्षदों को गुरुवार दोपहर 12 बजे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में बुलाया गया था. वहां से मीटिंग के बाद सभी पार्षद नगर निगम पहुंचे जहां उन्होंने इस चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला करके घोषणा की.
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