Delhi Mayor Election: आप ने फिर खटखटाया Supreme Court का दरवाजा, चीफ जस्टिस बोले- 'कल करेंगे सुनवाई'
MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम मेयर पद चुनाव मामले को लेकर मंगलवार को आम आदमी पार्टी एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
MCD News: देश की राजधानी दिल्ली में एमसीडी मेयर पद चुनाव (MCD Mayor Election ) को लेकर शुरू हुआ घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. तीसरी बार मेयर का चुनाव टलने पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है.
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत के सामने यह मामला रखते हुए कहा कि निगम चुनाव परिणाम के 2 महीने बाद भी मेयर का पद खाली है. मनोनीत पार्षदों को मतदान में शामिल किया जा रहा है. कुछ विधायकों को रोका जा रहा है. जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मसले पर बुधवार को सुनवाई करने की बात कही है.
मेयर चुनाव विवाद पर कल होगी सुनवाई
आम आदमी पार्टी ने सोमवार को एमसीडी मेयर पद का चुनाव तीसरी बार आगे के लिए टलने के बाद प्रेस कॉन्फेंस कर कहा था कि अब हम इस मसले को सुप्रीम कोर्ट में फिर से उठाएंगे. उसी पर अमल करते हुए आम आदमी पार्टी ने एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर मंगलवार को शीर्ष अदालत के सामने याचिका दाखिल की है. अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए बुधवार की तिथि मुकर्रर की है.
बीजेपी को नहीं है संविधान की परवाह
वहीं, आप (AAP) नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि कि एमसीडी चुनाव में हमें 134 सीटें मिली है. बीजेपी को 104 सीटों पर जीत हासिल हुई है, लेकिन ये लोग बार-बार ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जो संविधान की अवहेलना करते हैं. हमने इनकी सभी मांगें मानी, उसके बावजूद ऐसा किया जा रहा है. तीन बार चुनाव टलने के लिए बीजेपी जिम्मेदार है. अब हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
AAP दफ्तर पर बीजेपी का प्रचंड प्रदर्शन जारी
दूसरी तरफ इसी मसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से आम आदमी पार्टी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन सुबह 11 बजे से जारी है. आप के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बीजेपी कार्यकर्ता विरोधी पार्टी के दफ्तर के बैरिकेड तक पहुंच गए. बीजेपी कार्यकर्ता आप दफ्तर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मौके पर भारी संख्या में तैनात दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्होंने बीजेपी दफ्तर के अंदर नहीं जाने दिया.
यह भी पढ़ें: MCD Mayor Elections : तीसरी बार क्यों टला मेयर का चुनाव, 10 प्वाइंट्स में समझिए पूरा विवाद