(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MCD Mayor Election: फिर टला दिल्ली के मेयर का चुनाव, AAP की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने बीजेपी पर लगाया यह आरोप
Delhi News: आम आदमी पार्टी की मेयर कैंडिडेट शैली ओबरॉय ने कहा कि बीजेपी चाहती ही नहीं है कि संविधान के हिसाब से चुनाव हो.इसलिए मनोनीत पार्षदों को धोखे से वोटिंग राइट दी जा रही है.ये बेहद गलत है.
Delhi Politics: दिल्ली मेयर (Delhi Mayor Election) का चुनाव तीसरी बार भी टल गया है. सोमवार को हुई दिल्ली नगर निगम की बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव अगली बैठक तक के लिए टल गया. इसके बाद आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) की ओर से मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय (Shelly Oberoi) ने कहा कि बीजेपी (BJP) चाहती ही नहीं कि संविधान के हिसाब से चुनाव हो.इसलिये मनोनीत पार्षदों को धोखे से वोटिंग राइट दी जा रही है.उन्होंने इसे बेहद गलत बताया. उन्होंने कहा कि वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएंगी.
क्या कहा है AAP की उम्मीदवार ने
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही सोमवार को आधे घंटे की देरी के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई.इसके तुरंत बाद ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक-साथ होंगे. उन्होंने कहा कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में ‘एल्डरमैन’ वोट कर सकते हैं. उनकी इस घोषणा का आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने विरोध किया. इसके बाद चुनाव अगली बैठक तक के लिए टाल दिए गए.
चुनाव टाले जाने के बाद आम आदमी पार्टी की मेयर कैंडिडेट शैली ओबरॉय ने कहा कि बीजेपी चाहती ही नहीं है कि संविधान के हिसाब से चुनाव हो.इसलिए मनोनीत पार्षदों को धोखे से वोटिंग राइट दी जा रही है.ये बेहद गलत है इसलिये पहले भी हम सुप्रीम कोर्ट गए थे और अब फिर जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट जाएगी आम आदमी पार्टी
वहीं आप नेता और विधायक आतिशी ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर उनकी पार्टी आज ही सुप्रीम कोर्ट जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराया जाना चाहिए.
महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक सोमवार को तीसरी बार बुलाई गई थी. इसके पहले छह जनवरी और 24 जनवरी को भी मेयर का चुनाव नहीं हो सका था. दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए. हालांकि नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है.
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