MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के मेयर, डिप्टी मेयर और 6 स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव अब छह फरवरी को होने वाला है. पिछली दो बार की तरह फिर से दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में हंगामा होने की आशंका जताई जा रही है. मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और बीजेपी (BJP) आमने-सामने है. दोनों ही पार्टियों में कोई भी इतनी आसानी से एमसीडी मेयर चुनाव में हार स्वीकारती नहीं दिख रही है. यही वजह है कि एमसीडी सदन की दो बार बैठक हुई और दोनों बार आप और बीजेपी पार्षदों के हंगामे की वजह से कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.


दरअसल एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भले ही 250 वार्डों में से 134 पर जीत दर्ज की हो और सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए बहुमत को हासिल कर लिया, लेकिन कांग्रेस के एमसीडी के मेयर चुनाव में बायकॉट के फैसले और एलजी की ओर से नामित 10 एल्डरमैन की वजह से स्टैंडिंग कमिटी मेंबर्स के चुनाव में बीजेपी की दावेदारी काफी मजबूत नजर आ रही है, वहीं मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए उम्मीदवार खड़े करके भी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया.


स्टैंडिंग कमिटी पर कब्जा जमाने में जुटी बीजेपी


बीजेपी ने एमसीडी चुनाव में भले ही 104 सीटों पर जीत दर्द की, लेकिन पार्टी की पूरी कोशिश दिख रही है कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के चुनाव में ज्यादातर पदों पर कब्जा जमाया जाए. यही वजह है कि बीजेपी न सिर्फ मेयर का चुनाव जीतने का दावा कर रही है, बल्कि स्टैंडिंग कमिटी पर भी कब्जे की रणनीति बनाने में जुटी है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक आप की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि एमसीडी का पावर सेंटर कहे जाने वाले स्टैंडिंग कमिटी में बीजेपी को बहुमत मिल जाता है तो उसे अपने हिसाब से काम करने में काफी दिक्कत होगी.


इस वजह बढ़ी आप की सिरदर्दी


दिल्ली नगर निगम का प्रमुख भले ही मेयर होता है, लेकिन कामकाज की अधिकतर शक्तियां स्टैंडिंग कमिटी के पास होती है. वहीं एमसीडी और दिल्ली सरकार में एक साथ सत्ता मिल जाने पर केजरीवाल सरकार को हर मुद्दे पर जवाब देना होगा. कूड़े के तीनों पहाड़ खत्म करने के साथ कई बड़े वादे करके चुनाव जीतकर आई आप को अगले विधानसभा चुनाव से पहले उन वादों को पूरा करना होगा, जो स्टैंडिंग कमिटी में बहुमत के बिना मुश्किल है. यही वजह है आप और बीजेपी में खींचतान जारी है.


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