MCD Budget 2023 News: दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत तो मिल गई, लेकिन वो एसमीडी का पहला बजट तैयार करने से लगभग चूक गई है. ऐसा इसलिए कि एमसीडी का बजट ( MCD Budget 2023) हर साल 15 फरवरी तक पेश होता है. आज 8 फरवरी है. एमसीडी चुनाव परिणाम घोषित हुए दो माह से ज्यादा हो गए, लेकिन अभी तक मेयर नहीं चुने गए हैं. ऐसे में मेयर का चुनाव 15 से पहले हो भी जाए तो भी आप का बजट पेश करना मुश्किल है. हालांकि मेयर का चुनाव उससे पहले होना अब मुमकिन नहीं है.
मेयर का चुनाव हो भी गया तो आप का बजट तैयार होना मुमकिन नहीं है. बजट तैयार होने में भी समय लगता है और अब समय बहुत कम है. यानी आप एमसीडी का पहला बजट पेश करने से पूरी तरह चूक गई है. इसका सीधा असर यह होगा कि केजरीवाल सरकार आगामी एक साल तक पार्टी की चुनावी रणनीति पर चाहते हुए भी सही तरीके से अमल नहीं कर पाएगी. साथ ही एमसीडी के कुल बजट का उपयोग भी न चाहते हुए भी आप नेताओं को बजट प्रावधानों के अनुरूप ही करना होगा.
दरअसल, एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार अपने दम पर बहुमत से सत्ता में आई है. बीजेपी 15 साल बाद एमसीडी की सत्ता से बेदखल हुई है. सियासी तौर पर चौंकाने वाली बात यह है कि 2 महीने बाद भी आप को एमसीडी में अभी तक निगम की सत्ता नहीं मिल पाई है. न ही मेयर, डिप्टी या स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव हो पाया है. एक माह के अंदर महीने में तीसरी बार मेयर चुनाव की कोशिश असफल रही. आप और बीजेपी के बीच सियासी घमासान की वजह से इसका तत्काल समाधान निकलता भी नहीं दिखाई दे रहा है.
स्पेशल अधिकारी ही पास करेंगे बजट
कुल मिलाकर संभावना इसी बात की है कि एमसीडी 2023-24 का बजट निगम के स्पेशल अधिकारी को पास करना होगा. एमसीडी का बजट न बना पाना आप के लिए बड़ा झटका जैसा होगा. आप ने एमसीडी चुनाव जीतने के लिए जनता से किए बड़े-बड़े वादों किए थे. उसे पूरा करने का दबाव भी सीएम अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ को समाप्त करने का वादा लोगों से किया था. यहां पर इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि बजट पर विगत बुधवार को स्पेशल ऑफिसर अश्विनी कुमार के साथ चर्चा की जा चुकी है, वर्तमान में मेयर का चुनाव लंबित होने की वजह से स्पेशल ऑफिसर पर ही निगम के कामकाज को चलाने का जिम्मा है, यानि अनुमानित बजट प्रस्ताव विशेष अधिकारी (MCD special officer) पास करा सकता है. बीते 8 दिसंबर 2022 को कमिश्नर ने करीब 16000 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट पेश किया था.
एमसीडी एक्ट में क्या है?
दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट के मुताबिक सालाना बजट को 15 फरवरी तक अंजाम देना होता है, तय तिथि तक एमसीडी को टैक्स की दरें सार्वजनिक करनी होती है. एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ना तो मेयर का चुनाव हुआ है और ना ही सदन का गठन हुआ है, 10 फरवरी तक बजट को मंजूर कराया जा सकता है, ऐसा न होने पर निर्वाचित मेयर की गैर हाजिरी में निगम के विशेष ऑफिसर को यह अधिकार होता है कि वो बजट पेश करे. एमसीडी की बैठक बुलाने के लिए 72 घंटे पहले सभी को सूचना देनी होती है. सवाल यह है कि बजट स्पेशल अधिकारी भले ही पास करा लें, लेकिन उस दिल्ली के चुने हुए ढाई सौ पार्षद चर्चा करके पास कराएं तभी जनता के हित कोई काम होगा. बता दें कि दिसंबर में 250 वार्ड में हुए चुनाव में आप ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी, बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गईं तो तीन सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीतकर एमसीडी में पहुंचे हैं. 6 फरवरी से पहले 6 जनवरी और 24 जनवरी को भी मेयर चुनाव के लिए सदन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन आप और बीजेपी पार्षदों के हंगामे की वजह से हर बार वोटिंग से पहले ही कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा है,
2022 में पेश हुआ था 15000 करोड़ का बजट
एमसीडी बजट की प्रक्रिया दिसंबर में शुरू होती है, लेकिन जुलाई में निगम का एकीकरण होने के कारण जुलाई में बजट का अनुमान 15,276 करोड़ रुपए मंजूर किया गया था. इनमें 4153 करोड़ स्वच्छता, 2632 करोड़ शिक्षा, 3225 करोड़ सामान्य प्रशासन, 1732 करोड़ लोक निर्माण और स्ट्रीट लाइटिंग, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए 1570 करोड रुपए का बजट में प्रावधान किया गया था.
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