Delhi News: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा आवारा कुत्तों को पड़कने का सिलसिला जारी है. इस अभियान के तहत पिछले सात माह यानी अप्रैल और अक्टूबर के बीच एमसीडी की टीम ने 35 हजार से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी की. इसी अवधि के दौरान 1,118 बंदरों को पकड़कर दिल्ली के असोला भट्टी माइंस अभयारण्य में भेजा. इस बात का खुलासा 9 अक्टूबर को एमसीडी बजट 2024 के ड्राफ्ट से हुआ है.
दिल्ली एमसीडी बजट ड्राफ्ट के मुताबिक आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों ने गैर सरकारी संगठनों और निजी पशु चिकित्सकों की मदद से उनकी कुत्तों का नसबंदी करने की मुहिम में जुटी हुई है. इसमें कहा गया है कि नगर निगम का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 80,000 कुत्तों की नसबंदी करना है. दस्तावेज में कहा गया है कि रेबीज रोधी टीकाकरण के लिए 12 क्षेत्रों में विशेष शिविर स्थापित किए गए थे.
इसमें कहा गया है कि इसी अवधि में 9,391 आवारा मवेशियों को जब्त किया गया और गौशालाओं में भेजा गया.
162 अवैध डेयरियां सील
इसके अलावा, नगर निमग द्वारा चलाए गए एक अन्य अभियान के दौरान 156 अवैध डेयरियों को सील कर दिया गया और हटा दिया गया, जबकि 161 अवैध डेयरियों के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
सीएम ने दिए थे 100% नसबंदी के निर्देश
बता दें कि साल 2023 के शुरुआती माहिनों के आवारा कुत्तों के आतंक को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए MCD के अधिकारियों दिल्ली में आवारा कुत्तों की 100 प्रतिशत नसबंदी कराने और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन लगाने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा, बेसहारा गायों के लिए गौशाला बनाने के भी निर्देश दिए थे. सीएम ने सड़कों पर अवारा घूमने वाली गायों के वाहनों की चपेट में आने और दुर्घटना से बचाने के लिए उनको गौशाला तक पहुंचाने के लिए 16 ट्रक खरीदने के आदेश दिए थे. एमसीडी के पास इस काम के लिए 12 ट्रक पहले से हैं.