Delhi MCD Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) की तारीखों की घोषणा के बाद देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) का भी बिगुल बज सकता है. शुक्रवार शाम 4:00 बजे तक निगम चुनावों की तारीखों की घोषणा हो सकती है. दिल्ली राज्य चुनाव आयोग (Delhi State Election Commission) ने इसको लेकर शाम 4:00 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. कश्मीरी गेट में राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर (Kashmiri Gate) में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है, जिसमें निगम चुनावों की तारीखों का एलान हो सकता है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह दिसंबर के महीने में ही निगम चुनाव हो सकते हैं. इसके साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग ने 7 नवंबर को सभी दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक भी बुलाई है. इसमें चुनावों को लेकर चर्चा हो सकती है. हालांकि, पहले यह बैठक को 9 नवंबर को बुलाई गई थी, लेकिन अब यह बैठक 7 नवंबर को हो सकती है. इससे पहले ही शुक्रवार को शाम 4:00 बजे दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का निमंत्रण भेजा है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम को ही निगम चुनावों का ऐलान हो सकता है.
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250 वार्डों के लिए होगी वोटिंग
जानकारी के अनुसार दिल्ली नगर निगम चुनाव 8 दिसंबर 2022 से पहले करवाए जा सकते हैं. आपको बता दें कि इसी साल मई के महीने में दिल्ली नगर निगम का एकीकरण कर दिया गया है. एकीकरण के बाद निगम के वार्डों का परिसीमन भी हो गया है. दिल्ली नगर निगम में अब 272 वार्ड की जगह 250 वार्डों के लिए चुनाव होगा. इसमें से 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. वहीं 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
आम आदमी पार्टी की बढ़ सकती है चुनौती
इससे पहले बीते गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया था. गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर के महीने में दो चरणों में होंगे. पहले चरण के लिए मतदान 1 दिसंबर और दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. एमसीडी चुनाव की तारीख के एलान को सीधे तौर पर गुजरात चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, क्योंकि अगर एमसीडी चुनाव दिसंबर के पहले हफ्ते में होते हैं, तो बीजेपी से ज्यादा आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती भरा होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता गुजरात के साथ-साथ एमसीडी चुनावों पर है. इसकी वजह से आप पार्टी की शक्ति दो जगहों पर बंट सकती है और इसका फायदा बीजेपी उठाने की कोशिश करेगी.