Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम 2022 चुनाव के टिकट बांटने के समय ही प्रमुख पार्टियों ने स्पष्ट कर दिया था कि इस बार महिला उम्मीदवारों के भरोसे वह चुनावी मैदान में उतरेंगी. इसलिए 50% से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) पार्टी ने टिकट देकर इस चुनावी दंगल को और भी रोचक बना दिया है. इन दलों ने एक स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इस बार के दिल्ली नगर निगम में ये पार्टियां अपने एजेंडे महिला उम्मीदवारों के दम पर ही घर-घर तक पहुचाएंगी और चुनावी समीकरण तय करेंगी.


एमसीडी चुनाव में प्रमुख दल के रूप में आम आदमी पार्टी ने 56% महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है जबकि 15 सालों से एमसीडी की सत्ता पर आसीन बीजेपी ने 54% महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. इसके साथ ही पुरानी दिल्ली की तरह विकास करने का दमखम भर रही कांग्रेस पार्टी भी 54% महिला उम्मीदवारों के भरोसे अपना जमीनी आधार तलाश रही है. वहीं राजधानी में इन सब पार्टियों से अलग दलित, मुस्लिम और पिछड़े वोटों पर अच्छी पकड़ रखने वाली बहुजन समाज पार्टी इस बार दिल्ली एमसीडी में सर्वाधिक 57% महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर चुनावी समीकरण में बड़ा उलटफेर का दावा कर रही है. इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा और आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सबसे ज्यादा  महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताने का भी संकेत दे दिया है.


महिलाओं का असली भरोसेमंद कौन ? 


लोकसभा - विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों को लेकर सभी पार्टियां अपनी अपनी तरफ से दावा करती हैं. इसके साथ ही सदनो में महिला उम्मीदवारों को बढ़ाने को लेकर संसद और विधानमंडल के सत्र में चर्चाएं भी जोरों पर रहती है. इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में पार्टियों ने महिला उम्मीदवारों के भरोसे उतरकर भविष्य के चुनाव के लिए भी एक निस्पक्ष और समृद्ध राजनीति के संकेत दे दिए हैं. वहीं दिल्ली के पटपड़गंज की रहने वाली अर्चना तिवारी ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली के इस निकाय चुनाव में पार्टी को प्रमुखता देने के बजाय उम्मीदवारों के काम पर वह भरोसा करेंगी.


पार्टी नहीं उम्मीदवारों की काबिलियत के आधार पर वोट


उम्मीदवारों की व्यक्तिगत काबिलियत के आधार पर वोट करना ही उचित होगा बजाय किसी भी पार्टी के नाम पर. इसके अलावा मयूर विहार फेस - 1 की रहने वाली दीपाली यादव ने बातचीत के दौरान कहा कि बीते 15 सालों में उम्मीद के मुताबिक एमसीडी दिल्ली एमसीडी में कार्य नहीं हुआ है, अभी यहां राजधानी होते हुए भी गंदगी देखने को मिलती है. इसलिए महिला- पुरुष व पार्टी की बजाय एक विकास करने वाले व्यक्तित्व को वोट देने पर प्राथमिकता रहेगी. अब देखना होगा कि दिल्ली नगर निगम के इस चुनावी रण में महिला उम्मीदवारों के भरोसे उत्तरी पार्टियों को दिल्ली की जनता का भरोसा जीतने में कितना कामयाब होती है.


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