Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सभी 250 वार्ड के लिए रविवार सुबह 8 बजे से वोटिंग होगी. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. एमसीडी चुनाव के लिए कुल 1,349 उम्मीदवार मैदान में हैं और इनकी किस्मत का फैसला 7 दिसंबर को होगा. एमसीडी में 15 सालों से काबिज बीजेपी अपनी जीत को बरकार रखने के लिए इस चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी है. 


एमसीडी में AAP की एंट्री चाहते हैं केजरीवाल


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी बीजेपी को करारी शिकस्त देकर एमसीडी में AAP की एंट्री चाहते हैं. एमसीडी चुनाव प्रचार के दौरान आप ने बीजेपी को कूढ़े और गंदगी के मुद्दों को लेकर घेरा है, वहीं बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने एमसीडी में काम नहीं करने दिया है. 


कांग्रेस दिल्ली की राजनीति में वापसी को है बेताब


इधर दिल्ली की सत्ता से और एमसीडी से दूर कांग्रेस भी दिल्ली की सियासत में वापसी को बेताब है. जहां बीजेपी एमसीडी में और आप दिल्ली में अपनी सरकार बनाए हैं वहीं कांग्रेस एमसीडी चुनाव से अपनी वापसी को लेकर काफी बेताब है. कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव के लिए जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए हैं. जिस दिल्ली में कांग्रेस ने कभी कई सालों तक शासन किया था वह अब राजधानी की राजनीति में अपनी वापसी को बेताब है.


जनता को लुभाने के लिए किए कई वादे


दिल्ली नगर निगम देश का सबसे बड़ा निगम है और इसमें अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी, कांग्रेस और आप ने दिल्ली की जनता को लुभाने के लिए कई तरह के वादे किए हैं. आप ने दिल्ली की जनता को तीनों कूड़े के पहाड़ों को खत्म कर एमसीडी को भष्ट्राचार मुक्त करने की गारंटी दी है. इसके साथ ही बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि केंद्र सरकार की मदद से 5 सालों में दिल्ली में 7 लाख गरीबों को आवास देंगे. वहीं कांग्रेस ने गाजीपुर, भलस्वा और ओखला में कूड़े के कुतुबमीनार को 18 महीने में खत्म करने का वादा किया है.


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