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Delhi MCD Election 2022: महिला उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा जता रही BJP-AAP, ज्यादातर पुराने प्रत्याशियों का पत्ता साफ
Delhi MCD Election 2022: आप ने एक को छोड़कर सभी उम्मीदवारों को 2022 नगर निगम चुनाव के लिए बदल दिया है. इस बार 5 सालों में जमीन पर उतर कर काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर आप ने भरोसा जताया है.
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(दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022, प्रतीकात्मक तस्वीर)
Delhi MCD Election AAP and BJP Candidates: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इसी के साथ उन्होंने सभी 250 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. वहीं शनिवार को बीजेपी (BJP) की तरफ से भी 232 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई. बीजेपी और आप की इस सूची में एक सामान्य बात निकल कर आ रही है कि दोनों ही पार्टियां महिला उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा करती हुई दिखाई दे रही हैं.
इसके अलावा 2017 नगर निगम चुनाव के उम्मीदवारों के बड़ी संख्या में इन पार्टियों ने टिकट काट दिए हैं. आम आदमी पार्टी ने जारी किए अपने सूची के 250 प्रत्याशियों में से 150 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिसमें 104 महिलाएं सामान्य वर्ग और 21 महिलाएं अनुसूचित जाति से हैं. इसके अलावा 2017 की तुलना में बीजेपी ने भी बड़ी संख्या में अपनी पहली सूची में महिला उम्मीदवारों का नाम रखा है. सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी और बीजेपी में बेहद नजदीकी मुकाबला देखा जा रहा है. ऐसे में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी भी इस मुकाबले को और भी ज्यादा निर्णायक बना देगी.
बीजेपी ने मौजूदा 61 पार्षदों को ही दिया टिकट
बीजेपी की पहली सूची में जारी 232 उम्मीदवारों में से भारी संख्या में पुराने उम्मीदवारों का टिकट कटा है. 2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी के जहां कुल 182 पार्षद में से 61 पार्षदों को ही टिकट मिला है, वहीं आम आदमी पार्टी ने तो एक को छोड़कर सभी उम्मीदवारों को 2022 नगर निगम चुनाव के लिए बदल दिया है. इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन 5 सालों में जमीन पर उतर कर काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
परिसीमन की वजह से बदलेगा समीकरण
परिसीमन के बाद जहां वार्डों की संख्या कम कर दी गई है. वहीं इसका सीधा प्रभाव पार्टी उम्मीदवारों के जीत-हार पर भी पड़ेगा और इसके लिए सबसे बड़ा आधार जातीय समीकरण होगा. परिसीमन के बाद कई वार्डों के क्षेत्र बढ़ाए गए हैं और कम किए गए हैं. 2017 की तुलना में परिसीमन के बाद 23 वार्ड में वोटर कम हो गए हैं, जिसमें पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अकेले 7 वार्ड शामिल हैं. इसलिए यह तय है कि परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव वार्ड क्षेत्र जातिय समीकरण, क्षेत्र में वोटरों की संख्या और कार्यकर्ताओं का जमीनी आधार पर मुकाबला काफी रोचक होगा. उम्मीदवारों के लिए निर्धारित वार्ड से अपील को वोटों में तब्दील करना इतना आसान नहीं होगा.
एमसीडी चुनाव नजदीक आते ही जुबानी जंग तेज
बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में एमसीडी चुनाव को लेकर जुबानी तीर चल रही है. जहां पार्टियों के उम्मीदवारों ने स्टार प्रचारकों के साथ वोटरों को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं पार्टी के बड़े नेताओं ने दूसरे दलों पर जुबानी हमले बोलने की भी कमान संभाल ली है. शनिवार को बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले राजेंद्र पाल गौतम को स्टार प्रचारक बनाने का आरोप लगाया, तो आम आदमी पार्टी के नेता हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी के एमसीडी में 15 साल के कार्यकाल पर जमकर हमला बोल रहे हैं. दिन-प्रतिदिन रोचक हो रहे मुकाबले में देखना होगा कि जनता इन दलों में से किन पर भरोसा करती है.
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![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion