Delhi MCD Election: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) में इस बार 250 वार्ड के लिए चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले एमसीडी में 272 वार्ड थे, लेकिन परिसीमन के बाद अब वार्ड की संख्या 250 हो गई है. दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 (Delhi MCD Election 2022) में परिसीमन के बाद समीकरण बदला हुआ दिखाई दे रहा है और कई नेताओं के लिए यह बदलाव साख बचाने की चुनौती बन चुका है. इस रिपोर्ट में हम आपको नारायणा वार्ड नंबर- 139 सीट की रोचक लड़ाई के बारे में बताएंगे, जहां कुल 53,972 मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
दिल्ली नगर निगम में 250 में लगभग दर्जनों वार्ड पर बदले समीकरण का असर देखने को मिल रहा है. नारायणा की सामान्य सीट पर परिसीमन के बाद 12 बूथ को इंद्रपुरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि उनकी जगह पर पांडव नगर के 13 बूथ इस वार्ड में जुड़ गए हैं. इसकी वजह से बड़ा उलटफेर होने की आशंका है. इस सीट पर परिसीमन से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी का दबदबा माना जाता था, लेकिन वोटरों के समीकरण बदलने पर अब कह पाना मुश्किल है कि यहां के 27 बूथ पर किस का अधिक प्रभाव है.
विधानसभा उपचुनाव में AAP के दुर्गेश पाठक को मिली थी जीत
नारायणा वार्ड नंबर- 139 राजेंद्र नगर विधानसभा में आता है, जहां के विधायक आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक हैं, जिन्होंने 6 महीने पहले ही इस सीट पर हुए उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी ने इस सीट से अपने पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने यहां से पूर्व पार्षद छैल बिहारी गोस्वामी का टिकट काटकर युवा प्रत्याशी उमंग बजाज को पहली बार मैदान में उतारकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया. कांग्रेस अपने पुराने दबदबा को कायम रखने की उम्मीदों से नारायणा गांव के रामकुमार तंवर पर भरोसा जताया है. इस सीट पर खासतौर से बीजेपी और आप को परिसीमन के बाद नए समीकरण और बागी तेवरों का सामना करना होगा.
जानिए क्या हैं नारायणा में समस्याएं?
परिसीमन के पहले निर्धारित वार्ड में एससी वोटरों का अधिक प्रभाव हुआ करता था, लेकिन अब 12 पुराने बूथ को खत्म कर 13 नए बूथ जुड़ने से पंजाबी, राजपूत, पूर्वांचली किराएदार और दलित वोटरों की इस सीट पर बड़ी भूमिका होगी. इस सीट पर होने वाले रोचक मुकाबले में जीत के लिए प्रत्याशियों को हर वर्ग का विश्वास हासिल करना होगा. नारायणा बोर्ड के सामने अनेक बुनियादी समस्याएं हैं. पानी की किल्लत, सीवर समस्या, पार्किंग की दिक्कत, जर्जर सड़क और व्यापारियों की समस्या एक बड़ी चुनौती है, जिनको दुरुस्त करने के लिए यहां के लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगाई है.
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