Delhi MCD Election 2022: शादी से लेकर बीमारी तक! चुनाव ड्यूटी पर न रहने के लिए कर्मचारियों ने भेजा आवेदन
Delhi MCD Election: राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है. आयोग ने निर्देश जारी किया था कि सत प्रतिशत मतदान कर्मचारी चार दिसंबर को मौजूद रहेंगे.
Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है. लोगों की इस लोकतांत्रिक पर्व में भागीदारी के लिए भी युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है. कल जहां मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अधिकारियों द्वारा राजधानी में 50 ऑटो को रवाना किया गया, वहीं चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में भारी संख्या में कर्मचारियों के आवेदन आ रहे हैं. जिसमें वो शादी से लेकर स्वास्थ संबंधित और अनेक घरेलू समस्याओं का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
13680 पोलिंग स्टेशनों पर होगा मतदान
चार दिसंबर को दिल्ली नगर निगम चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए 13680 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. सुरक्षा बलों के साथ पर्याप्त संख्या में मतदान केंद्रों पर कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. ऐसी स्थिति में आ रहे ये ढेरों आवेदन जिला निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक समस्या बन चुका है. जिला निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार चुनाव आयोग के पास अपनी स्थाई कर्मचारी नहीं होते हैं, ऐसी स्थिति में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मतदान केंद्रों पर ड्यूटी लगाई जाती है.
चुनाव के लिए विभिन्न विभागों से जारी हुई कर्मचारी लिस्ट में कई रिटायर भी हो चुके हैं. इसके अलावा अनेक कारणों से कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने की आवेदन भी आ रहे हैं. ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारियों के सामने ये एक बड़ी चुनौती है कि, वो किसके आवेदन को स्वीकार कर छुट्टी दें और किसकी ड्यूटी लगाएं.
सभी आवेदनों पर नहीं किया जा सकता विचार
राज्य चुनाव आयोग ने बीते हफ्ते ही निर्देश जारी किया था कि सत प्रतिशत मतदान कर्मचारी चार दिसंबर को मौजूद रहेंगे. अब जिला निर्वाचन अधिकारियों ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि इस स्थिति में छुट्टी के सभी आवेदनों पर विचार नहीं किया जा सकता. एक मतदान केंद्र पर निर्धारित कर्मचारियों के अलावा 20 अधिक कर्मचारियों को रखना पड़ता है. इसलिए मतदान को शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में संपन्न कराना पहली प्राथमिकता होगी. अब देखना होगा कि चार दिसंबर को होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव में इन कर्मचारियों के लिए अपनी समस्याएं प्राथमिकता होती हैं या लोकतंत्र के इस महापर्व को सकुशल कराने की जिम्मेदारी