Delhi MCD Election 2022: दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण करने का विधेयक लोकसभा में पेश हो गया. अब दिल्ली नगर निगम संशोधन बिल संसद में पेश होते ही माना जा रहा है कि कि दिल्ली नगर निगम चुनाव अब देरी से होंगे. क्योंकि इस विधेयक के अनुसार वार्ड कम होने हैं और इनकी संख्या 250 तक रखी जानी है, इसलिए इनकी दोबारा से जनगणना होगी.
वार्डों की स्थिति में भी परिर्वतन रोटेशन के दौरान किए जाएंगे और रोटेशन करने में चुनाव आयोग को अभी समय लग सकता है. इस विधेयक में वार्डों की अधिकतम संख्या 250 करने का प्रावधान है और अब फिर से नए वार्ड बनाने होंगे जिसमें करीब एक साल का भी समय लग सकता है. केंद्र सरकार ने भी साफ कर दिया है कि नगर निगम के बाद जो जनगणना होगी उसके आधार पर ही दिल्ली में वार्णों की संख्या तय की जाएगी.
जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद होगा परिसीमन
दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के विधेयक में प्रावधान किया है कि है कि इन वार्डों का परिसीमन नई जनगणना के आधार पर होगा. इसलिए अगर जनगणना के आधार पर वार्डों का परिसीमन होगा तो इसमें दो साल और लगेंगे क्योंकि साल 2021 की जनगणना पूरी नहीं हुई है. क्योंकि जनगणना की रिपोर्ट आने में करीब दो साल का समय लगता है.
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दिल्ली चुनाव आयोग के अधिकारियों का मानना है कि जनगणना की रिपोर्ट आने का बाद भी नए सिरे से वार्ड बनाने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है. क्योंकि जब साल 2016 में नए वार्डों का परिसीमन किया था तो उस समय एक साल का समय लग गया था. इस मामले पर दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एसके शर्मा ने कहा कि अगर वार्डों की संख्या घटाई जाती है तो इसके लिए परिसीमन फिर से करना पड़ेगा और इसमें काफी समय लगेगा.