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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi MCD Election 2022: दिल्ली का वो क्षेत्र, जहां नहीं होता एमसीडी का चुनाव, जानिए क्यों?
Delhi MCD Election 2022: सन 1911 में देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को नियंत्रण करने के लिए प्रशासनिक केंद्र कलकत्ता के बाद दिल्ली को निर्धारित किया गया था.
Delhi Municipal Corporation Area: राजधानी दिल्ली (Delhi) से पूरे देश की आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों को नियंत्रित किया जाता है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के सभी राज्यों की सिविक बॉडी से राजधानी की स्थिति अलग है. अन्य जिलों और शहरों से अलग राजधानी में 3-3 सिविक बॉडी के दायरे में कार्य क्षेत्र आता है. यहां एनडीएमसी (NDMC), एमसीडी (MCD) और कैंटोनमेंट बोर्ड (Cantonment Board) जैसे 3 भाग में राजधानी की जिम्मेदारी को संवैधानिक रूप दिया गया है.
दिल्ली का वह 3 प्रतिशत क्षेत्र जहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, ब्यूरोक्रेट सहित देश के तमाम बड़े अफसरों का निवास होता है, उसे लुटियंस दिल्ली के नाम से जानते हैं जो एमसीडी के दायरे से बाहर होता है यानी वहां एमसीडी का चुनाव नहीं होता है. उसे नई दिल्ली नगर परिषद का कार्य क्षेत्र मानते हैं. इस क्षेत्र का एकमात्र स्वामित्व भारत सरकार को प्राप्त है, जहां की एक अध्यक्षता वाली एक परिषद की तरफ से शासन निर्धारित किया जाता है.
एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में नई दिल्ली में 80 प्रतिशत इमारतें
नई दिल्ली में 80 प्रतिशत इमारतें नई दिल्ली नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. सन 1911 में देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को नियंत्रण करने के लिए प्रशासनिक केंद्र कलकत्ता के बाद दिल्ली को निर्धारित किया गया और दिल्ली की रायसीना हिल्स को तब के ब्रिटिश राज्य की ओर से शासित भारतीय प्रांतों की राजधानी घोषित की गई. अंग्रेजी हुकूमत के दौर में रायसीना हिल्स कमेटी का गठन करने के बाद यहां लोगों के बुनियादी और छोटे समस्याओं को सुना जाने लगा, जिसके बाद इसे दिल्ली नगर परिषद का नाम दिया गया.
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1994 में पारित एक्ट के बाद परिषद का बढ़ा प्रभाव
नई दिल्ली नगर परिषद का कार्य अन्य सिविक बॉडी से थोड़ा अलग है. 1994 में भारत सरकार की ओर से पारित पास हुए एक्ट के पहले इसका कार्यक्षेत्र थोड़ा सीमित हुआ करता था, जिसमें सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, सीवर और सफाई जैसी समस्याएं जुड़ी हुई थीं, लेकिन इस एक्ट पारित होने के बाद कल्याण विभाग, सौंद्रीयकरण, विजिलेंस और पार्किंग जैसे विभागों का दायरा भी इसमें शामिल हुआ. 2022-23 में इनका कुल बजट 4381 करोड़ है. दिल्ली के 97 प्रतिशत क्षेत्र कुल 9 जिलों का दायरा एमसीडी में आता है, जहां 4 दिसंबर को चुनाव होने वाले हैं, जो सड़क, सीवर, सफाई, शिक्षा, स्कूल और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होती है.
एनडीएमसी, एमसीडी और कैंटोनमेंट बोर्ड के दायरे
वहीं नई दिल्ली नगर निगम में लुटियंस दिल्ली का कार्य क्षेत्र आता है, जो दिल्ली का सिर्फ 3 प्रतिशत भाग निर्धारित करता है. लुटियंस दिल्ली की सड़कें, सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग, सौंद्रीयकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं नई दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र में आती हैं. रक्षा मंत्रालय की ओर से शासित दिल्ली के छावनी बोर्ड में 2011 की जनगणना के अनुसार 1,10,351 जनसंख्या है. इसमें सेना के विभिन्न वर्गों के अधिकारी और जवान शामिल हैं, जहां इस कैंटोनमेंट बोर्ड में उनके आवासीय क्षेत्र आते हैं और यहां एमसीडी का चुनाव नहीं होता. कैंटोनमेंट बोर्ड की ओर से इस संवेदनशील क्षेत्र के सड़क, साफ-सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी तय की जाती हैं.
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