Delhi MCD Election 2022: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली नगर निगम चुनाव के 1336 प्रत्याशियों में से दो ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जिनके पास कोई संपत्ति नहीं है. दिल्ली नगर निगम चुनाव में वह धन बल पर नहीं बल्कि अपने बुलंद इरादे और मेहनत के साथ जनता का विश्वास जीतने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं. वैसे यह डगर काफी मुश्किल है लेकिन आज के दौर में ऐसे गिने-चुने प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में देखने को मिलते हैं जिनके पास कोई संपत्ति नहीं होती.


अगर वहीं दिल्ली नगर निगम चुनाव में सबसे अधिक पैसे वाले उम्मीदवार की बात की जाए तो वह बीजेपी का है. दिल्ली के बल्लीमारान वार्ड से बीजेपी प्रत्याशी रामदेव शर्मा सर्वाधिक 66.9 करोड़ संपत्ति के मालिक हैं और दूसरे नंबर पर मालवीय नगर से बीजेपी की नंदिनी शर्मा के पास 49.84 करोड़ की संपत्ति है.


जानिये किसे वार्ड से प्रत्याशी हैं


दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में दो ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी हैं जिनके पास कोई संपत्ति नहीं है. यह दोनों प्रत्याशी दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले से आते हैं. वार्ड नंबर 130 द्वारिका सी से प्रत्याशी बीना देवी और वार्ड नंबर 123 ककरोला से रीता देवी ऐसी उम्मीदवार हैं जिनके पास एडीआर रिपोर्ट के अनुसार कोई भी संपत्ति नहीं है. वैसे इन उम्मीदवारों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी जा रही. ये उम्मीदवार भी उसी आत्मविश्वास के साथ लोगों के घरों तक पहुंच कर अपने लिए वोट की अपील कर रहे हैं. दिल्ली एमसीडी चुनाव को ये दो प्रत्याशी अपने क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने का एजेंडा लिए जनती के बीच नजर पहुंच रही हैं.


इस प्रत्याशियों की संपत्ति भी बहुत कम


दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के लिए एडीआर द्वारा तीन ऐसे उम्मीदवारों की भी सूची जारी की गई जिनकी संपत्ति सबसे कम है. दक्षिण पश्चिम जिले के वार्ड नंबर 132 कापसहेड़ा से निर्दलीय प्रत्याशी कुमकुम के पास मात्र 2000 रुपए की संपत्ति है. वहीं वार्ड नंबर 70 के शास्त्री नगर के कांग्रेस प्रत्याशी पंकज राणा के पास 2517 रुपये की संपत्ति है.


दिल्ली नगर निगम चुनाव में सबसे अधिक महिला प्रत्याशियों को टिकट देने वाली बहुजन समाज पार्टी की सुनीता के पास 3570 रुपए की संपत्ति है. वह नई दिल्ली के वार्ड-153 वसंत विहार से उम्मीदवार हैं. आज के दौर में होने वाले चुनाव में धनबल का अधिक वर्चस्व देखने को मिलता है. वहीं एमसीडी चुनाव में इन प्रत्याशियों का हौसला प्रमुख पार्टियों या अन्य उम्मीदवारों से बिल्कुल कम नहीं है. अब 7 दिसंबर को आने वाले परिणाम में यह तय होगा कि मतदाता इनके बुलंद इरादों पर कितना भरोसा जताते हैं.


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