Delhi MCD elections: दिल्ली में एमसीडी चुनावों को लेकर स्टेट इलेक्शन कमीशन ने तीनों एमसीडी के लिए रिजर्व सीटों की सूची जारी कर दी है, जिसके बाद कई पार्षदों की सीटें रिजर्व कैटेगरी में आ गई है. इसे लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत के चलते रिजर्व सीटों के लिए रजामंदी दी गई है, क्योंकि दोनों पार्टियां वार्ड रोटेशन करवाकर अपने भ्रष्ट पार्षदों को जनता की जवाबदेही से बचाना चाहती हैं.


कांग्रेस का आरोप
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा है कि दोनों पार्टी जानती हैं कि उनके ज्यादातर पार्षद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और दिल्ली की जनता भी उनके बारे में अच्छी तरह जान चुकी है. ऐसे में यदि एकबार फिर बीजेपी और आम आदमी के वह पार्षद उन्हीं सीटों से लड़ेंगे, तो वह हार जाएंगे, इसीलिए अब दोनों पार्टियों ने वार्ड रोटेशन के चलते भ्रष्ट पार्षदों का टिकट काट दिया है.


चुनाव आयोग आप बीजेपी के दबाव में-कांग्रेस
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि जिस तरह साल 2017 के पिछले चुनाव में नगर निगम में बीजेपी ने 272 निगम वार्डों में से 271 नए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था, और तमाम जीते हुए पार्षद जो कि भ्रष्टाचार में बदनाम थे उनके टिकट काट दिए थे. उन्होंने कहा है कि वार्डों के रोटेशन में जो भारी अनियमित्ता की गई है उससे यह साफ जाहिर होता है कि दिल्ली चुनाव आयोग आप पार्टी की सरकार और बीजेपी सरकार के दबाव में काम कर रहा है. अगर ऐसा नहीं है तो वार्ड जनसंख्या के आधार पर वार्ड सीट आरक्षण की जो नियमावली है उसका पालन किए बगैर वार्ड में सीटों का आवंटन बीजेपी और आप पार्टी के मनमुताबिक क्यों किया है? 


नियम का पालन नहीं किया गया-कांग्रेस
अनिल कुमार ने कहा कि इसबार नगर निगम में वार्डों में सीटों का आवंटन गलत तरीके से महिला सीट को पुरूष और पुरूष सीट को महिला सीट में तब्दील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नगर निगमों में सीटों के आरक्षण की वार्ड जनसंख्या के आधार पर जो नियमावली है उसका पूरी तरह से पालन ही नहीं किया गया है.


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