Delhi News: अस्पताल बनाने में देरी के AAP के दावे पर MCD ने दिया जवाब, निर्माण में लागत बढ़ने की बताई ये वजह
AAP नेता आतिशी ने एमसीडी चुनाव से पहले घोटाले का आरोप लगाया था. MCD ने एक बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया है. इस आरोप पर MCD ने जबाब देते हुए कहा कि यह आरोप झूठे हैं.
Delhi News: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी (Atishi) ने रविवार को घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-शासित पुरानी एमसीडी दक्षिण दिल्ली में 2005 से ही एक अस्पताल बनवा रही है और 35 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद वह अब भी 'निर्माणाधीन' है. हालांकि, एमसीडी ने आरोपों को "दुर्भावनापूर्ण" और "झूठा" करार दिया है.
आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कालकाजी के पूर्णिमा सेठी अस्पताल का सिर्फ भूतल और पहली मंजिल उपयोग के योग्य हैं. उन्होंने आरोप लगाया, "2005 में 6.70 करोड़ रुपये की लागत से कालकाजी में एमसीडी द्वारा संचालित अस्पताल बनाने की मंजूरी मिली. अभी तक बीजेपी ने उस अस्पताल पर 35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन वह अब भी निर्माणाधीन है. इसे 100 बिस्तरों वाला मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल बनना था. बीजेपी ने सिर्फ एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का वादा किया, लेकिन उसे भी पूरा नहीं किया."
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अस्पताल में शुरू नहीं हुई हैं स्पेशियलिटी सेवाएं
आतिशी ने दावा किया, "अस्पताल में अब भी मल्टी स्पेशियलिटी सेवाएं शुरू नहीं हुई है. यह बीजेपी शासित एमसीडी के 15 साल के कुशासन का सटीक उदाहरण है." कालकाजी की विधायक ने कहा कि आप सरकार के मोहल्ला क्लीनिक सफल हैं. उन्होंने दावा किया कि दिल्लीवासी एमसीडी में भी 'केजरीवाल मॉडल' चाहते हैं. उन्होंने कहा, "एक ओर केजरीवाल सरकार बेहतरीन अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक बनवा रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी एक अस्पताल बनवाने में भी असफल है. दिल्लीवासियों ने तय कर लिया है कि अब वे एमसीडी में भी केजरीवाल मॉडल चाहते हैं."
एमसीडी ने किया आरोपों का खंडन
एमसीडी ने एक बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया. बयान में कहा गया, "मूल स्वीकृत लागत 20.17 करोड़ रुपये थी, न कि 6.70 करोड़ रुपये, जैसा कि झूठा दावा किया गया है, और इस मूल लागत को संशोधित कर 52.25 करोड़ रुपये किया गया था, क्योंकि भवन के निर्माण क्षेत्र में लगभग तीन गुना विस्तार हुआ था." बयान के मुताबिक, अस्पताल की इमारत काफी हद तक पूरी हो चुकी है लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा चिकित्सा (योजना) क्षेत्र के तहत धन का आवंटन नहीं होने के कारण कार्य समाप्त नहीं हो सका है.