Delhi MCD News: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के बाद अब मेयर पद को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. एमसीडी एक्ट (MCD Act) के अनुसार केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर सदन की पहली बैठक में ही मेयर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न की जाती है. संभवत: अप्रैल माह तक हर हाल में मेयर चुनाव पूरी हो जाने की तारीख निर्धारित रहती है. दिल्ली एमसीडी में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी (BJP) के किला को ध्वस्त करते हुए 134 सीट जीतकर बहुमत हासिल की है.

 

वहीं बीजेपी ने भी आप को कड़ी टक्कर देते हुए 104 सीटें जीतते हुए अपना जनाधार बनाए रखा. अब दिल्ली के सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक एमसीडी में मेयर पद को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. बीजेपी नेताओं ने अभी भी हार मानने से इनकार कर दिया है. आप को भी अपने जीते हुए उम्मीदवारों में सेंधमारी का डर सता रहा है. वैसे इस बात को अधिक हवा इसलिए भी दी जा रही है, क्योंकि आप चंडीगढ़ के नगर निगम चुनाव में निर्धारित 35 वार्ड में से 14 सीट जीतने के बाद भी अपना मेयर बनाने में कामयाब नहीं हो सकी.

 

एमसीडी में कैसे होता है मेयर का चुनाव?

एमसीडी एक्ट के अनुसार दिल्ली मेयर पद का कार्यकाल 1 साल का होता है, जबकि पार्षदों का कार्यकाल पूर्ण रूप से 5 वर्ष का होता है. एमसीडी चुनाव होने के बाद सदन की पहली बैठक में मेयर का चुनाव संपन्न कराया जाता है, जिसमें सबसे पहले पार्टियों की ओर से अपने उम्मीदवार का नामांकन किया जाता है. इसके बाद मेयर पद को लेकर सदन में वोटिंग की जाती है. दिल्ली एमसीडी एक्ट के अनुसार पहले साल महिला मेयर चुनी जाएंगी. तीसरे साल अनुसूचित जाति से मेयर होगा. वहीं बचे हुए तीनों साल में किसी भी वर्ग से मेयर चुने जा सकेंगे.

 

एमसीडी के मेयर चुनाव में इनकी होती है भूमिका

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर इस बार परिसीमन के बाद दिल्ली एमसीडी में 250 वार्ड निर्धारित किए गए, जिसमें एक मेयर की ओर से इसकी अध्यक्षता की जाएगी. एमसीडी में मेयर बनने के लिए 138 वोट प्राप्त करना आवश्यक है. दिल्ली मेयर के चुनाव में सभी निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक इस मेयर चुनाव में वोट करते हैं. 138 वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार 1 साल के लिए दिल्ली एमसीडी में मेयर चुना जाता है.

 

संविधान विशेषज्ञ बोले- हो सकता है बड़ा उलटफेर

एमसीडी मेयर पद को लेकर बीजेपी-आप में खींचातानी तेज है. वहीं दिल्ली के 7 लोकसभा सीटों पर जहां बीजेपी का कब्जा है तो राजधानी के 3 राज्यसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के सांसद सदन में हैं. संविधान विशेषज्ञ एस. के. शर्मा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा, "एमसीडी के मेयर चुनाव में कितने सदस्य उपस्थित रहते हैं, कितने अनुपस्थित रहते हैं और कितने वोट नहीं करते हैं, यह बहुत कुछ निर्धारित करेगा. इसलिए कुछ भी संभव है. वैसे दल-बदल निरोधक कानून निचले सदन पर लागू नहीं होता, यह केवल लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों पर लागू किया जाता है. इसके अनुसार निर्वाचित होने के बाद सदस्य की तरफ से पार्टी बदलने पर उनकी सदस्यता को रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है."