Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम मेयर पद (Delhi MCD Matyor Election) का चुनाव हंगामे, हाथापाई और धरना प्रदर्शन के बीच दो बार स्थगित हो चुका है. इस बीच आप मेयर पद की उम्मीदवार समयबद्ध तरीके से मेयर का चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुकी हैं. वहीं, एक बार फिर मेयर चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. अहम सवाल यह है कि अगर आगामी कुछ दिनों के अंदर एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा सदन की बैठक बुलाती हैं तो इस बार भी चुनाव हो पाएगा या आप-बीजेपी (AAP-BJP) के बीच जारी सियासी जंग की वजह से चुनाव फिर टल जाएगा. इस मामले में अभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है. 
 
दरअसल, इसकी चर्चा फिर से करना इसलिए वाजिब है कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने मेयर का चुनाव करने के लिए 10 फरवरी को सत्र बुलाने का प्रस्ताव रखा है. एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया ​है कि उपराज्यपाल विनय सक्सेना से मेयर के चुनाव के लिए एक और सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया है. एलजी की ओर से प्रस्ताव पर सहमति मिलते ही सदन की बैठक बुलाई जा सकती है. जहां तक बात मेयर चुनाव होने या न होने की है, तो यह आप और बीजेपी के रुख पर निर्भर करेगा. 


चुनाव को लेकर अभी तक नहीं बनी सहमति 


ये बात बहुत हद तक सही भी है. आप पूछ सकते हैं कि ऐसा क्यों? इसका जवाब ये है कि मेयर चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच न तो कोई बैठक हुई है, न ही अनौपचारिक सहमति बनी है. ऐसे में अगर चुनाव होता है तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पहले दो बार की तरह इस बार भी मेयर का चुनाव हंगामे की भेंट न चढ़ जाए. 


आरोप-प्रत्यारोप पहले की तरह जारी


इससे पहले छह जनवरी और 24 जनवरी 2023 को पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मेयर चुनाव कराने के लिए सदन की बैठक आहूत की थी. दोनों बार बीजेपी और आप सदस्यों के बीच हंगामा, तीखी नोंकझोक, हाथापाई, धरना प्रदर्शन, नारेबाजी और जयकारे की वजह से चुनाव नहीं हो पाया. चुनाव न होने के लिए बीजेपी और आप के नेता एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. आप नेताओं का कहना बीजेपी 15 साल बाद एमसीडी सत्ता से बाहर होने की घटना को पचा नहीं पा रही है. बीजेपी नेता गुंडई पर उतारू हैं. वहीं बीजेपी नेताओं का आरोप है कि आप के पास बहुमत है, लेकिन वो अपने ही पार्षदों के विरोधी रुख की वजह से सियासी अनहोनी की आशंका से डरी हुई है.


आप नेताओं को लगता है कि कहीं दल बदल कानून मेयर चुनाव में प्रभावी न होने का लाभ उठाकर अपने ही कुछ पार्षद विरोध में वोटिंग कर सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए हर बार आप नेता मेयर चुनाव नहीं होने दे रहे हैं. 


अब एलजी के पाले में गेंद 


इससे पहले अरविंद केजरीवाल नीत आप सरकार ने अगले महीने के पहले सप्ताह में मेयर के चुनाव के लिए तीन तारीख सुझाई थीं. इन तारीखों में तीन, चार और छह फरवरी शामिल थीं. उपराज्यपाल से उनमें से एक चुनने का अनुरोध किया गया है. अब एलजी के पास 10 फरवरी को चुनाव कराने का प्रस्ताव एमसीडी की ओर से भी भेजा गया है. फिलहाल, मेयर चुनाव को लेकर गेंद एलजी वीके सक्सेना के पाले में है. 


शैली ओबेरॉय की याचिका नया बखेड़ा​


एक तरफ मेयर चुनाव कराने को लेकर जोर आजमाइश जारी है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद की  उम्मीदवार शैली ओबेरॉय मेयर का चुनाव समयबद्ध तरीके से कराए जाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर तीन फरवरी को सुनवाई होनी है. इस लिहाज से देखें तो यह मसला अब सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी चुनाव पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन अदालत में विचाराधीन होने की वजह से अब मेयर का चुनाव कराने से पहले संबंधित एजेंसियों को कानूनी पहलुओं पर भी विचार करना होगा.


मेयर चुनाव की राह में ये है सबसे बड़ा पेंच


बता दें कि एमसीडी में आप के पास बहुमत है. आप के पास 250 में से 134 सीटें हैं. बीजेपी के पास 104 पार्षद हैं. कांग्रेस के 9 पार्षद जीतकर एमसीडी सदन में पहुंचे हैं. तीन निर्दलीय पार्षद भी चुनाव जीते हैं. इसके अलावा 14 विधायक, सात लोकसभा और तीन राज्यसभा के सांसद भी मेयर चुनाव में मतदान करेंगे. यानी 274 मतों में से 138 मत बहुमत के लिए चाहिए. आप के पास 150 वोट है. यानी आपका मेयर और डिप्टी मेयर चुना जाना तय है, लेकिन ​स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन की वजह से मामला उलझा है. बीजेपी स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन का पद ​हर हाल में हासिल करना चाहती है. बहुमत में होने की वजह से आप का दावा भी उतना ही मजबूत है. स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में एलजी द्वारा नामित 10 एल्डरमैन काउंसलर भी मतदान करेंगे. यहां पर आप को लगता है कि अगर एल्डरमैन काउंसलर स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के लिए वोट करने पर चेयरमैन पद पर आप प्रत्याशी का जीतना मुश्किल होगा. बस, यही वो पेंच हैं, जिसकी वजह से मेयर का चुनाव बार-बार टल रहा है. गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से मेयर पद की उम्मीदवार रेखा गुप्ता हैं.


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