Delhi MCD Mayor Election News: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल करने के बाद, अब सभी की नजरें आगामी MCD (दिल्ली नगर निगम) के मेयर चुनाव पर हैं, जो इस बार बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है. मेयर चुनाव में 250 निर्वाचित पार्षदों के साथ-साथ 10 सांसद (7 लोकसभा और 3 राज्यसभा) और 14 नामित विधायकों (जो पक्ष और विपक्ष के विधायकों के अनुपात के अनुसार होते हैं) का भी वोट होता है.


अगर हम मौजूदा स्थित की बात करें तो 113 पार्षद और 7 सांसद बीजेपी के हैं, तो वहीं तीनों राज्यसभा सांसद आम आदमी पार्टी के हैं और विधायकों की संख्या बल देखते हुए 9-10 विधायक ही बीजेपी के मेयर चुनाव में वोट कर सकेंगे.


वहीं दिल्ली में BJP और AAP के 11 पार्षद इस बार विधानसभा जाएंगे. BJP के 8 पार्षदों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है तो AAP के तीन पार्षदों ने विधानसभा चुनाव जीत लिया है, जबकि एक मनोनीत पार्षद राजकुमार भाटिया भी विधानसभा का चुनाव जीत गए हैं.


कांग्रेस का कोई भी पार्षद चुनाव नहीं जीत सका. जो BJP से पार्षद चुनाव जीते हैं उसमें मुंडका से गजेंद्र दराल, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, राजेंद्र नगर से उमंग बजाज, संगम विहार से चंदन चौधरी, विनोद नगर से रविंदर सिंह नेगी, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय विधायक चुनाव जीत गई हैं. 


विधानसभा चुनाव के नतीजों का प्रभाव 


हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने शानदार जीत दर्ज की है और AAP के कई शीर्ष नेताओं को हराया है. अब BJP की नजर MCD पर है, जहां उसका लक्ष्य मेयर पद पर कब्जा जमाना है. 31 मार्च को मौजूदा मेयर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिसके बाद नए मेयर का चुनाव होना है. 


क्या होगी कांग्रेस की भूमिका? 


इस बार कांग्रेस के पार्षद भी मेयर चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं. पिछले मेयर चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव का बहिष्कार किया था. यदि इस बार भी कांग्रेस बहिष्कार करती है, तो मुकाबला बेहद कांटे का हो सकता है. कांग्रेस के पार्षदों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन उनकी भूमिका निर्णायक हो सकती है. 


 बीजेपी की रणनीति 


विधानसभा में प्रचंड बहुमत पाने के बाद, मेयर चुनाव में BJP के 9-10 विधायक वोट कर सकते हैं, जिससे सदन में BJP की संख्या बढ़ जाएगी. BJP की पूरी कोशिश होगी कि MCD में भी अपना मेयर बनाया जाए.


पार्षदों का विधायक बनना 


इस बार कई पार्षद विधायक बने हैं, जिसका मेयर चुनाव पर क्या असर होगा, यह कहना मुश्किल है. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया समीकरण मेयर चुनाव को कैसे प्रभावित करता है.


दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड हैं, जिनमें से एक वार्ड द्वारका बी कमलजीत सहरावत के सांसद बनने के कारण खाली हो गया है. विधानसभा चुनाव में कुल 17 पार्षद मैदान में उतरे थे, जिनमें से BJP के 11 पार्षदों में से 7 और AAP के 6 पार्षदों में से 3 ने जीत हासिल की. इस प्रकार, विधानसभा चुनाव के बाद निगम में अब 239 पार्षद बचे हैं. 


AAP के पास 119 और BJP के पास 113 पार्षद   


वर्तमान में, AAP के पास निगम में 119 और BJP के पास 113 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के पास केवल 7 पार्षद हैं. इस समय के समीकरण बताते हैं कि AAP के पास निगम में बहुमत है. लेकिन यदि 11 खाली सीटों के लिए उपचुनाव होते हैं, तो स्थिति बदल सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 'आप' को कम से कम तीन सीटें जीतनी होंगी ताकि वह निगम में अपनी सत्ता को बचा सके.


मेयर चुनाव की प्रक्रिया 


दिल्ली MCD में मेयर का कार्यकाल एक वर्ष का होता है. मेयर चुनाव में 250 निर्वाचित पार्षद, 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक वोट करते हैं. कुल 274 मतों में से 138 मत हासिल करने वाला उम्मीदवार मेयर चुना जाता है.


आगामी मेयर चुनाव में विभिन्न दलों की रणनीतियां और गठजोड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, एमसीडी में सत्ता संतुलन कैसे बदलता है, यह देखना दिलचस्प होगा. मेयर चुनाव के नतीजे दिल्ली की राजनीति की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं.


Delhi Election Result 2025: AAP के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक, जानें- क्या बना प्लान?