Shelly Oberoi Files Nomination: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके साथ-साथ डिप्टी मेयर के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल (Aaley Mohammad Iqbal) ने भी आप उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) में शिक्षा मंत्री आतिशी (Atishi) और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) मौजूद रहे. एमसीडी मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को होगा. वर्तमान में शैली ओबेरॉय मेयर और आले मोहम्मद इकबाल डिप्टी मेयर हैं.


बीते फरवरी में हुए मेयर चुनाव में शैली ओबेरॉय ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को हराया था. वहीं आले मोहम्मद इकबाल ने बीजेपी प्रत्याशी कमल बागड़ी को हराकर जीत दर्ज की थी. दिल्ली नगर निगम का चुनाव पिछले साल दिसंबर में हुआ था, लेकिन मेयर का चुनाव सदन में बीजेपी और आप पार्षदों के हंगामे की वजह से चौथी बार में फरवरी महीने में हो सका था. 


आप ने फिर से शैली ओबेरॉय को क्यों बनाया उम्मीदवार?


इससे पहले आप ने एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए क्रमश: शैली ओबेरॉय और आले मोहम्मद इकबाल को उम्मीदवार घोषित किया. आप ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों को फिर से मनोनीत करने का फैसला पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी में उनके प्रदर्शन को देखते हुए लिया. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी ने पहले भी मेयर चुनाव में खलल डालने की कोशिश की थी, लेकिन फिर भी पार्टी की जीत हुई.


मेयर शैली ओबेरॉय ने क्या कहा?


संजय सिंह ने कहा, "हम मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए क्रमश: शैली ओबेरॉय और आले मोहम्मद इकबाल को ही उम्मीदवार बनाएंगे. हमारे उम्मीदवार इस बार भी चुनाव जीतेंगे. वहीं एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय ने भी उन्हें एक बार फिर मेयर उम्मीदवार के रूप में नामित करने के लिए सीएम केजरीवाल का आभार व्यक्त किया. उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया.


हर एक साल पर होता है मेयर का चुनाव


एमसीडी में हर वित्तीय वर्ष के अंत के बाद नए सिरे से मेयर का चुनाव होता है. एमसीडी में पहले साल के लिए मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित रहता है, दूसरे साल में पद किसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होता. तीसरे साल में आरक्षित वर्ग का व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकता है और अन्य दो साल किसी भी वर्ग का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है. तीन निगमों को एमसीडी में एकीकृत करने के बाद एक नए परिसीमन की कवायद की गई थी, जिसमें 2012 के मुकाबले वार्ड की कुल संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई थी.


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