Delhi MCD Unification News: दिल्ली नगर निगम की तीनों इकाइयों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद 22 मई से दिल्ली में अब तीन नगर निगम की जगह केवल दिल्ली नगर निगम हो जाएगा. जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसके मुताबिक 22 मई से दिल्ली में दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022 के तहत तीनों निगमों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. और दिल्ली में फिर से एक ही निगम काम करेगी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम जैसे अलग-अलग सिविक बॉडी नहीं होंगी.
केंद्र सरकार करेगा विशेष अधिकारी की नियुक्ति
22 मई से एक ही निगम हो जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए एक विशेष अधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी. जोकि निगम की पहली बैठक होने तक काम करेगा. जब तक कि नगर निगम के चुनाव नहीं हो जाते. और सदन का फिर से गठन नहीं हो जाता. जब तक दिल्ली नगर निगम की पूरी बागडोर उस विशेष अधिकारी के हाथ में होगी. दक्षिण दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल 18 मई को समाप्त हो गया है. 19 मई को उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल और 22 मई को पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उसके बाद 22 मई से ही दिल्ली में एक केंद्र सरकार की ओर से लाए गए दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 के तहत एक ही निगम दिल्ली में काम करेगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया औपचारिक नोटिफिकेशन
18 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसको लेकर एक औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. जिसके मुताबिक तीनों निगमों को केंद्र सरकार की ओर से भंग कर दिया गया. और 22 मई से दिल्ली में एक ही निगम होगा. अधिकारियों के मुताबिक निगम के एकीकरण के बाद इसके कामकाज में कोई फर्क नहीं आएगा. जिस तरीके से राजधानी दिल्ली में निगम स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता को लेकर काम कर रही थी. ठीक उसी प्रकार से पहले की तरह काम जारी रहेगा. हालांकि सदन का गठन जब तक नहीं होता तब तक एमसीडी हाउस, स्टैंडिंग कमेटी की बैठक आदि नहीं होंगे. निगम का पूरा कामकाज एक विशेष अधिकारी की देखरेख में होगा. जिसे जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त कर दिया जाएगा.
2011 में दिल्ली के निगमों को तीन भाग में हुआ विभाजित
बता दें कि आज से करीब 10 साल पहले साल 2011 में दिल्ली के निगमों को तीन भागों में विभाजित किया गया था. जिसमें दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम का गठन किया गया था. जिससे निगम के हालातों और उसके कार्य में सुधार हो सके. इसके विपरित मौजूदा समय में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि निगम के कार्य और आर्थिक हालात में कुछ खासा संतुलन और सुधार नहीं हुए हैं. बल्कि और ज्यादा स्थिति खराब हो गई है. पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. जिसके कारण कर्मचारियों की तनख्वाह आदि देने में भी समस्याएं आई. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 के लाया गया. जिसे संसद के दोनों सदनों में पास किए जाने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगते ही लागू कर दिया गया.
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