Delhi News: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने छह जनवरी 2024 को सहभागिता दिवस मनाया. इस मौके पर निगम की पुरानी सहभागिता योजना में बदलाव की घोषणा कर, इसे नए सिरे से लागू करने का फैसला लिया है. ताकि निगम को समय से राजस्व लाभ मिले और कॉलोनियों का विकास भी नियत समय से हो सके. इस योजना के तहत किसी कॉलोनी के 90 प्रतिशत निवासी अगर अपनी संपत्ति कर का भुगतान कर देते हैं, तो निगम डेढ़ महीने यानी कि 90 दिनों के अंदर उस कॉलोनी के विकास करने के लिए प्रतिबद्ध होगा. अगर निगम ऐसा करने में असफल होता है तो आरडब्लयूए वाले निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकेंगे.
सहभागिता दिवस के मौके पर एमसीडी के सभी 12 जोन में सात जनवरी को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. निगम ने आरडब्लयूए को जागरूक बनाते हुए इस योजना में शामिल होने की अपील की थी. मध्य जोन के सांवला नगर कार्यक्रम में शामिल हुए एमसीडी के कर एवं समाहर्ता कुणाल कश्यप ने कहा कि दिल्ली नगर निगम एक स्थानीय निकाय के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को समझता है. निगम द्वारा लगातार विकास कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें और तेजी लाने के लिए निगम ने ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सहभागिता योजना में बदलाव किया है.
संपत्ति कर का 10% किया जाएगा विकास पर खर्च
एमसीडी के कर एवं समाहर्ता कुणाल कश्यप के मुताबिक पहले सहभागिता योजना के तहत आरडब्ल्यूए के सदस्यों द्वारा 90 प्रतिशत संपत्तिकर जमा करने पर 10 प्रतिशत राशि से विकास कार्य कराने का मौका दिया जा रहा था, लेकिन इसमें अधिकतम राशि की सीमा एक लाख रुपये तक थी. अब लोगों के सुझावों और आरडब्ल्यूए से आई प्रतिक्रिया के बाद निगम ने सहभागिता योजना में बदलाव किया है. कल से इस योजना को नए सिरे से लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब 90 प्रतिशत लोग जितना संपत्तिकर देंगे, उसकी दस प्रतिशत की राशि इलाके के विकास पर खर्च कर पाएंगे. इसके लिए एमसीडी की वेबसाइट पर जाकर आरडब्ल्यूए को सहभागिता के लिए स्वयं का पंजीकरण कराना होगा. साथ ही सभी सदस्यों का यूपिक (यूनिक प्रॉपर्टी आइडेंटीफिकेशन कोड) नंबर भी इसी में पंजीकृत कराना होगा.
विकास कार्यों को 90 दिनों में करना होगा पूरा
इस योजना की खास बात यह होगी कि जैसे ही आरडब्ल्यूए के 90 प्रतिशत लोग संपत्तिकर जमा कर देंगे, इसकी जानकारी आरडब्ल्यूए को देने के साथ ही क्षेत्रीय उपायुक्त के पास भी इसकी जानकारी चली जाएगी. इसके बाद आरडब्ल्यूए और क्षेत्रीय उपायुक्त के बीच बैठक का आयोजन किया जाएगा और उसमें आरडब्ल्यूए जो विकास कार्य बताएगी, उन्हें निगम द्वारा 90 दिन के अंदर पूरा किया जाएगा. इसके अतिरिक्त अगर कॉलोनी के लोग गीला एवं सूखा कूड़े को अलग-अलग करने के साथ स्वयं ही गीले कूड़े का निस्तारण स्वयं कर रहे हैं, तो उन्हें पांच प्रतिशत का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया जाएगा.