Delhi Property Tax Payment: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने आगामी 1 जुलाई से प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान के लिए चेक के माध्यम को व्यवहार में नहीं रखने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि जो संपत्ति करदाता चेक के माध्यम से अपने संपत्ति के करों का भुगतान करने का सोच रहे थे, वे अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. एमसीडी ने यह निर्णय चेक बाउंस होने की समस्या से निपटने के उद्देश्य से लिया है.


एमसीडी के मुताबिक, संपत्ति करदाता अब आसानी से यूपीआई, ई-वॉलेट, डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर या किसी भी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से डिजिटल रूप से संपत्ति कर का भुगतान कर सकेंगे. डिजिटल पेमेंट न केवल समय पर भुगतान और रसीद जारी करना सुनिश्चित करेगा, बल्कि व्यापार करने में आसानी भी प्रदान करेगा. करदाता आसानी से संपत्ति करों का भुगतान कर अपनी समस्या का त्वरित समाधान प्राप्त कर सकेंगे.


30 जून से पहले बकाया संपत्ति करों के भुगतान की अपील


इस जानकारी के साथ ही एमसीडी ने सभी संपत्ति मालिकों को खाली भूमि और भवनों के कब्जाधारियों से अपील करते हुए कहा कि, वे 30 जून, 2024 से पहले, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने बकाया संपत्ति कर का एकमुश्त भुगतान कर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ प्राप्त करें. संपत्ति करदाता एमसीडी की वेबसाइट  www.mcdonline.nic.in पर लॉग इन कर अपना बकाया संपत्ति कर जमा करवा सकते हैं.


वहीं एमसीडी ने सभी संपत्ति मालिकों को खाली भूमि और भवनों के कब्जेदारों को अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करने की भी सलाह दी है. एमसीडी के मुताबिक, डीएमसी अधिनियम, 2003 (संशोधित) की धारा 114 के प्रावधानों के अनुसार, एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी इमारतें और खाली भूमि संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं.


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