Delhi MCD Results 2022: दिल्ली नगर निगम में 250 वार्डों पर 4 दिसंबर को हुए चुनाव का फाइनल रिजल्ट आ गया है. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए बीजेपी को हराया है. एमसीडी में एकीकरण के बाद पहली बार हुए चुनावों में, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं 15 सालों से दिल्ली नगर निगम में काबिज रही बीजेपी (BJP) ने 104 सीटों पर और देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस (Congress) सिर्फ 9 सीटों पर सिमट कर रह गई. जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया.
एमसीडी चुनावों में 250 सीटों पर 1349 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. साल 2017 में हुए एमसीडी चुनावों के मुकाबले इस बार मतदान फीसद कम रहा. साल 2017 के दिल्ली नगर निगम चुनावों में जहां 53 फीसद से अधिक मतदान हुआ, तो वहीं इस बार यह आंकड़ा 50.48 फीसद के तक सिमट कर रह गया. आज 7 दिसंबर में घोषित चुनाव परिणामों के सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे, मतगणना स्थल से 100 मीटर के दायरे में भीड़ और जुलूस निकालने पर पाबंदी थी.
मतगणना के दौरान बीजेपी और आप में रही कांटे की टक्कर
दिल्ली नगर निगम के चुनावी मतगणना काफी उतार चढ़ाव भरा रहा, बीजेपी और आप के उम्मीदवारों के बीच कई सीटों कांटे का मुकाबला देखने को मिला. चितरंजन पार्क वार्ड न. 171 से दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार जीत का अंतर सबसे कम रहा, जहां आप के उम्मीदवार आशू ठाकुर ने बीजेपी उम्मीदवार कंचन चौधरी को सिर्फ 44 वोटों से हराया. वहीं चांदनी महल वार्ड न. 76 उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की, जहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद हामिद को 17134 वोटों के भारी अंतर से हराया.
एमसीडी में आप के वोटों का फीसद बढ़ा
इस बार एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी के वोट फीसद इजाफा हुआ, जबकि कांग्रेस को पिछले चुनाव के मुकाबाले वोट फीसद में कमी दर्ज की गई. जहां इस बार आप को सबसे अधिक 42.05 वोट मिले, तो वहीं बीजेपी को 39.09 फीसद वोट मिले और वह 104 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही. वहीं कांगेस के खाते में सिर्फ 11.68 फीसद वोट आए.
इसके साथ ही असद्दुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को सिर्फ 0.62 फीसद वोट मिले, वह अपना खाता भी नहीं खोल सकी. राजनीतिक बिसात पर वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही बहुजन समाज पार्टी को 11 फीसद से अधिक वोट मिले, हालांकि वह कोई भी सीट जीतने में नाकाम रही. निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3 फीसद से अधिक मतदान हासिल किया.
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