Delhi MCD Unification News: दिल्ली में तीनों निगमों के एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में संशोधन प्रस्ताव पास हो जाने के बाद राष्ट्रपति की मुहर भी लगाई जा चुकी है. इसी बीच जो तीनों निगमों का कार्यकाल इसी मई के महीने में संपन्न हो रहा है, बुधवार यानी 18 मई को दक्षिण दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो रहा है. वहीं 19 मई को उत्तरी दिल्ली नगर निगम और 22 मई को पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. इस बीच केंद्र सरकार कभी भी तीनों निगमों को भंग करने का आदेश जारी कर सकती है.
इसी बीच सवाल यह है कि तीनों निगमों के भंग हो जाने के बाद निगम की कार्रवाई कैसे आगे बढ़ेगी और आगे किस तरीके से प्रक्रिया रहेगी. केंद्र सरकार की ओर से तीनों निगमों के एकीकरण को लेकर लाए गए प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद दिल्ली में दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम अब एक हो चुकी है. जिसे दिल्ली नगर निगम के नाम से जाना जाएगा.
अधिकारियों के मुताबिक निगम के एकीकरण के बाद निगम के कामकाज में कोई बदलाव नहीं आएगा. निगम दिल्ली के लिए जिस तरीके से काम कर रही है उसी तरीके से काम किया जाएगा, बस केंद्र सरकार तीनों निगमों के कार्यकाल को भंग करने के बाद एक स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति करेगी. जो तीनों निगमों के कामकाज को देखेगा क्योंकि निगम के एकीकरण को लेकर लाए गए प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद अब दिल्ली में तीन नगर निगम नहीं है.
इस हफ्ते जारी हो सकता है आदेश
इसी महीने तीनों निगमों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से इन्हें भंग करने का आदेश भी इसी हफ्ते जारी किया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से लाए गए दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 की पहली बैठक होने तक निगम की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी.
वहीं बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद यह विभाग 18 मई से काम करना बंद कर देगा, 18 मई से दक्षिण दिल्ली नगर निगम के कोई भी आदेश जारी नहीं हो सकेंगे. क्योंकि 18 मई को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जिसके बाद गुरुवार यानी 19 मई को उत्तरी दिल्ली नगर निगम और 22 मई को पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो जाएगा इससे पहले ही केंद्र सरकार की ओर से तीनों निगमों को भंग करने का आदेश जारी हो सकता है.
केंद्र सरकार विशेष अधिकारी की करेगी नियुक्ति
इस पूरी प्रक्रिया के बीच निगम का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो कि यूनिफाइड निगम को चलाने की अहम जिम्मेदारी निभाएगा. अधिकारियों के मुताबिक तीनों निगमों के भंग हो जाने के बाद और विशेष अधिकारी की नियुक्ति से पहले निगम के कामकाज पर कोई असर नहीं रहेगा साफ-सफाई और अन्य स्वच्छता स्वास्थ्य संबंधी जो कामकाज निगम की ओर से राजधानी दिल्ली में किए जाते हैं. वह जारी रहेंगे उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, निगम के एकीकरण के बाद वार्ड की संख्या भी कम की जा सकती है मौजूदा समय में दिल्ली के तीनों निगमों में 272 वोट हैं जिन्हें घटाकर 250 से भी कम किया जा सकता है.
इसके अलावा दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 के लागू होते ही अब तीनों निगम की जगह दिल्ली में एक ही निगम होगा. जिसका एक ही मेयर होगा लेकिन उसका कार्यकाल कितना होगा इस बात को लेकर अभी कुछ जानकारी नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक निगम के भंग हो जाने के बाद दिल्ली में एक ही निगम होगा और दिल्ली में एक ही मेयर की तरह कमिश्नर और बाकी अहम पदों पर ही एक-एक व्यक्ति की नियुक्ति होगी. इस पूरी प्रक्रिया के बीच दिल्ली नगर निगम के चुनाव फिलहाल टाल दिए गए हैं, नियमों का परिसीमन हो जाने के बाद ही चुनावों का ऐलान होना संभव हो पाएगा.
वहीं तीनों निगमों के भंग हो जाने के बाद निगम के जब तक चुनाव नहीं होते उसके लिए केंद्र सरकार एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति करेगी, जिससे कि निगम के सभी नीतिगत फैसले लिए जा सकें. क्योंकि 18 मई बुधवार को दक्षिण दिल्ली नगर निगम के बंद हो जाने के बाद साउथ एमसीडी कोई भी नीतिगत फैसले अब नहीं ले सकेगी. वहीं 22 मई तक तीनों निगमों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. जिसके बाद तीनों निगमों में सदन, स्टैंडिंग कमेटी समेत कोई भी नीतिगत फैसले नहीं लिए जा सकेंगे. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से तीनों निगमों को भंग करना और इनके विलय के संबंध में एक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
साल 2011 में निगमों का हुआ था विभाजन
केंद्र सरकार की ओर से विधेयक संविधान के अनुच्छेद 239 (एए) के तहत दिए गए अधिकार के जरिए दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 से लाया गया. जिसके मुताबिक संसद को दिल्ली के संघ राज्य क्षेत्र से जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है. गौरतलब है कि साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली में निगम को तीन भागों में विभाजित किया था, जिसके बाद तीनों निगमों में वार्ड की संख्या 272 की गई थी. उस समय शीला सरकार ने निगम की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने और पूरी दिल्ली में लोगों तक निगम की सुविधाएं पहुंचने को लेकर निगमों को तीन भागों में विभाजित किया था वहीं मौजूदा समय में केंद्र सरकार भी इसी बात को लेकर निगम का एकीकरण कर रही है.
Rohini Court Fire News: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में लगी आग, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 4 गाड़ियां