दिल्ली में मच्छरों से निपटने के लिए की जाने वाली धुएं की फॉगिंग अब पूरी तरह से बंद हो जाएगी. इसके लिए अब कोल्ड फॉगिंग की तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए पानी में कीटनाशक मिलाकर फिर स्प्रे किया जाएगा. धुएं वाली मशीन के लिए डीजल का उपयोग होता था. अगर लगातार पांच घंटे तक फॉगिंग की जाए तो इसमें 20 लीटर से अधिक डीजल खर्च होता था जिसका खर्चा काफी अधिक होता था. इसलिए अब एमसीडी ने दिल्ली में कोल्ड फॉगिंग करने का प्लान बनाया है.
साउथ एमसीडी के अफसरों का कहना है कि मच्छरों के लिए होने वाली धुएं की फॉगिंग से लोगों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है, इसलिए अब कोल्ड फॉगिंग का सहारा लिया जाएगा. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय ने इस साल 20 ऐसी यूएलवी कोल्ड फॉगिंग मशीनों को लाने की योजना बनाई है. ईडीएमसी के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सोम शेखर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू हो जाएगा.
दिल्ली में मच्छरों की वजह से काफी बीमारियां फैलती हैं, जिसमें डेंगू का प्रभाव सबसे अधिक रहता है. इसलिए इन मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए शहर में फॉगिंग कराई जाती है, जिसमें मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाएं मिलाई जाती हैं. दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू के 69 मामले सामने आए हैं, जिसमें पिछले सप्ताह आठ मामले सामने आए हैं.पिछले साल डेंगू का दूसरा सबसे खराब सीजन था, जिसमें 9,613 डेंगू के मामले थे और 23 लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान कोविड के साथ साथ डेंगू से भी लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी.