Delhi News: दिल्ली में एक 22 साल की मेडिकल की छात्रा ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि मौखिक परीक्षा के दौरान प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया. मामले पर कई सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया है. पीड़ित मेडिकल छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 31 जनवरी की उसकी मौखिक परीक्षा थी. इस दौरान फार्माकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर के सामने वाइवा देना था.
छात्रा ने बताया कि वाइवा के दौरान आमतौर पर स्टूडेंटस को प्रोफेसर की सामने वाली कुर्सी पर बैठाया जाता है. लेकिन, प्रोफेसर अपनी कुर्सी को उसके नजदीक लेकर आ गया और उससे अजीबो-गरीब सवाल पूछने लगा जो वाइवा से संबंधित भी नहीं थे. मामले को लेकर दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल छात्रा को परेशान करने के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव भेजने को कहा है.
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल छात्रा ने आरोप लगाया कि उसके प्रोफेसर ने मौखिक परीक्षा के दौरान उसका यौन उत्पीड़न किया. शिकायतकर्ता के मुताबिक, वो 2021 बैच की एमबीबीएस छात्रा है. छात्रा की शिकायत के बाद आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 509 (शब्द, इशारा या कार्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की शील भंग करना हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पीड़ित छात्रा ने दर्ज कराई शिकायत
सतर्कता निदेशालय ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव को एक लिखित पत्र में घटना से संबंधित मीडिया रिपोर्टों का हवाला दिया. मीडिया से यह भी पता चला है कि दो छात्राओं ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है. पी.सी. निदेशालय के पत्र में कहा गया है कि मीडिया में यह भी बताया गया है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर आईपीसी की धारा 354 (ए) और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव मौजूदा नियमों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी के समक्ष रखने के लिए दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को भेजने का अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कोई फाइल नहीं भेजी है.
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