केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में असदुद्दीन ओवैसी और महबूबा मुफ्ती के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि इन्हें अदालत की कार्रवाई में कोई खलल डालने या माहौल को बिगाड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. मीनाक्षी लेखी ने इन दोनों नेताओं को फिर से इतिहास पढ़ने की सलाह भी दी ताकि उन्हें सही जानकारी हो सके.
ओवैसी और महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे में शिवलिंग और इसके अतीत में मंदिर होने की कई निशानियां मिलने के बाद विवाद गहराता जा रहा है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसे लेकर लगातार बयानबाजी की जा रही है. एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ज्ञानवापी में कयामत तक मस्जिद रहने का एलान कर रहे हैं तो वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी को उन मस्जिदों की एक लिस्ट सौंप देनी चाहिए जिन्हें वो लेना चाहती है.
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उनके बयान पर किया पलटवार
इन दोनों नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि मामला अदालत में है और अदालत के आदेश पर ही सब हो रहा है. ऐसे में इन लोगों को अदालत की कार्रवाई में खलल डालने और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. शांति और भाईचारा बनाए रखने की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री ने ओवैसी और महबूबा मुफ्ती समेत उन तमाम लोगों को फिर से इतिहास पढ़ने की सलाह भी दे डाली जो इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इनको इतिहास के पन्ने खोलकर फिर से पढ़ना चाहिए.
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