Delhi News: दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(आरआरटीएस) कॉरिडोर के 2025 तक चालू होने के बाद यात्रियों को 82 किमी की दूरी तय करने में 60 मिनट से भी कम का वक्त लगेगा. इस परियोजना को क्रियान्वित करने वाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की पूरी कोशिश है कि इस कॉरिडोर पर सफर उतना ही सुगम और सुरक्षित हो जितना कि इसकी हाई-स्पीड ट्रेनों का सफर होता है.
आखिरी मील तक मिलेगी कनेक्टिविटी
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि आखिरी मील तक कनेक्टिविटी की अनुपलब्धता के कारण लोग अक्सर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से हिचकिचाते हैं. इसके अलावा, ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा के लिए एक संगठित प्रणाली की कमी के कारण स्टेशनों के आसपास भीड़भाड़ न केवल अराजकता और ट्रैफिक जाम पैदा करती है, बल्कि आवागमन के समय में भी वृद्धि करती है.
लोगों को निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित करने और यातायात समस्या का समाधान प्रदान करने के लिए एनसीआरटीसी ने स्टेशनों पर विभिन्न फीडर मोड के माध्यम से पहली और अंतिम मील कनेक्टिविटी की सुविधा के लिए एक योजना तैयार की है. हम समग्र परिवहन के उद्देश्य से उपयोगकर्ताओं के लिए "डोर-टू-डोर मोबिलिटी" की योजना पर काम कर रहे हैं.
पार्किंग की नहीं होगी दिक्कत
उन्होंने कहा कि एनसीआरटीसी ने जहां भी संभव हो, स्टेशनों पर टैक्सियों और किराए की कारों के अलावा कार पार्किंग और ऑटोरिक्शा के लिए एक निर्दिष्ट स्थान का प्रावधान किया है. स्टेशनों पर पैराट्रांसिट के विभिन्न तरीकों के लिए नामित पिकअप और ड्रॉप-ऑफ क्षेत्रों की भी योजना बनाई गई है. इस पहल के साथ हम अंतिम मील कनेक्टिविटी को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं.
ईवी चार्जिंग स्टेशन पर भी हो रहा काम
अधिकारी ने कहा कि हमने इस क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों को सहयोग के लिए आमंत्रित किया है. अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हम जहां तक संभव होगा इन एजेंसियों की मदद लेंगे. उन्होंने कहा कि हम टिकट वितरण की सुविधा को सरल बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग के बुनियादी ढांचे पर भी काम कर रहे हैं. हम एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहते हैं जिससे पैदल और साइकिल वाले व्यक्ति को भी यात्रा करने में कोई परेशानी न होगा. हर किसी को उसके गंतव्य की दूरी के हिसाब से उचित वाहन मिले.
अधिकारी ने कहा कि एनसीआरटीसी पहले से ही दिल्ली मेट्रो, रेलवे, अंतरराज्यीय और इंट्रा-स्टेट बस सेवाओं के साथ मल्टी-मोडल एकीकरण के अलावा विभिन्न कॉरिडोर के बीच इंटरऑपरेबिलिटी पर काम कर रहा है, जिसमें आगामी दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर शामिल हैं.
यात्रियों को मिलेगा किफायती यात्रा का विकल्प
उन्होंने कहा कि हमारी ये पहले यात्रियों को तेज, संगठित, हरित और किफायती यात्रा का विकल्प प्रदान करेगी बल्कि दिल्ली, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मुराद नगर, मोदीनगर और मेरठ में आरआरटीएस स्टेशनों पर वाहनों की सेवा देवे वालों के लिए विभिन्न अवसर भी पैदा करेगी. उन्होंने कहा कि साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी प्राथमिकता वाला खंड, जिसमें 5 स्टेशन हैं 2023 तक चालू हो जाएगा.
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